केसी त्यागी का बड़ा बयान- कानून का मखौल उड़ाने से गठबंधन पर असर पड़ेगा
जदयू नेता केसी त्यागी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कानून का मखौल उड़ाने से इसका गठबंधन पर भी असर पड़ेगा। अर्जित या तो सरेंडर करें या गिरफ्तारी दें।
पटना [जेएनएन]। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत को लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि या तो अर्जित शाश्वत सरेंडर करें या उनकी गिरफ्तारी हो। उनके इस बयान पर एनडीए में ही घमासान की संभावना है।
केसी त्यागी ने कहा है कि भागलपुर कांड के नामजद आरोपी अर्जित शाश्वत या तो सरेंडर करें या गिरफ्तारी दें। कानून का अगर माखौल उड़ेगा तो जदयू, भाजपा, लोजपा और रालोसपा का गठबंधन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ जदयू पहले भी था लेकिन कभी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया। हम आगे भी धर्मनिरपेक्षता से कोई समझौता नहीं करेंगे।
त्यागी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही रामनवमी पर उत्पन्न स्थिति को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। हमें इस बात की पीड़ा है कि भाजपा और उनके केंद्रीय मंत्री ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं जिसका फायदा मुख्य विपक्षी दल को हो रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा एफआइआर को रद्दी का टुकड़ा कहा जाना संवैधानिक संस्था का अपमान है। जब शासक दल के लोग ही कानून को अपने हाथ में लेंगे तो राजद के जंगल राज पर हम कैसे अंगुली उठा सकेंगे। हम तो 2010 का एनडीए चाहते हैं जब मुस्लिम महिलाएं बूथ से निकल कर गर्व से कहती थीं कि हमने नीतीश कुमार को वोट दिया है।
बता दें कि बिहार के भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में आरोपी बेटे अर्जित चौबे को केंद्र सरकार में मंत्री अश्विनी चौबे ने बेकसूर बताया है। चौबे ने सोमवार को बेटे को निर्दोष बताते हुए क्षेत्र के अधिकारियों पर दंगाईयों के लिए नरम रुख रखने और बेवजह बेटे पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है, साथ ही पुलिस अधिकारियों पर ही कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि कोई भी जांच हो जाए बेटा बेकसूर निकलेगा।
चौबे ने राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर राज्य का माहौल खराब करने का आरोप लगाया। बिहार के भागलपुर में 17 मार्च को नाथनगर में दो पक्षों के बीच हुआ विवाद हुआ था। इसमें अर्जित पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले में अर्जित के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है।