सेवानिवृत्ति के बाद शुरू की प्रैक्टिस, 65 साल में पीएचडी
चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित तीसरे दीक्षा समारोह में तीन सत्रों के 309 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। विभिन्न सत्र के विद्यार्थियों को 22 गोल्ड मेडल दिए गए।
पटना [जेएनएन]। चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) के तीसरे दीक्षा समारोह में आकर्षण के केंद्र रहे 65 साल में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले केसी सुरेश। केरल के रहने वाले सुरेश ने 2010 में पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। उसी साल केरल सरकार के उद्योग विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने बताया कि केरल सरकार के विभिन्न विभागों में कई दशक तक सेवा देने के दौरान लॉ की पढ़ाई पूरी की थी। पीएचडी की इच्छा सीएनएलयू ने पूरी कर दी।
उन्होंने 'करप्शन फ्री सोसाइटी : ह्यूमन राइट्स पर्सपेक्टिव- ए स्टडी बेस्ड ऑन राइट टू इंफॉरमेशन एक्ट, 2005' पर डॉ. एसपी सिंह की देखरेख में 2015 में पीएचडी पूरी की। उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वालों में गौरव शुक्ला, ममता भोजवानी, शिवानी मोहन, करिश्मा, पीटर लेड्सि एफ., ऋतु रंजन, राजीव कुमार सिंह, अख्तर अहमद, जीगिमोन वीएस तथा पी. जॉर्ज गिरि शामिल हैं।
कन्वोकेशन में 309 को मिली उपाधि
चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी परिसर में शनिवार को आयोजित तीसरे दीक्षा समारोह में तीन सत्रों के 309 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। विभिन्न सत्र के विद्यार्थियों को 22 गोल्ड मेडल दिए गए। इनमें 16 छात्राओं को मिले। 11 को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं चांसलर न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने पीएचडी तथा सुप्रीम कोर्ट के जज नवीन सिन्हा, पटना हाईकोर्ट के जज अजय कुमार त्रिपाठी, एके उपाध्याय, एडवोकेट जनरल ललित किशोर, पीके शाही आदि ने एलएलबी के विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की। एलएलबी की डिग्री लेने के लिए 135 तथा पीएचडी की डिग्री के लिए आठ विद्यार्थी मौजूद थे। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को चांसलर और वाइस चांसलर ने 'डॉक्ट्रेट ऑफ लॉ' की मानद उपाधि प्रदान की। गोल्ड मेडल वितरण के बाद यूनिवर्सिटी के जर्नल का विमोचन अतिथियों ने किया।
कुलपति प्रो. ए. लक्ष्मीनाथन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि काफी कम समय में सीएनएलयू ने विधि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर मुकाम हासिल कर लिया है। बिहार सरकार की मदद से हुई पंचायत चेयर की स्थापना और इसके उद्देश्य के बारे में भी उन्होंने बताया। उन्होंने चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य के स्वर्णिम इतिहास का स्मरण कराया। विद्यार्थियों को लॉ प्रोफेशन की नीति और सिद्धांत का सदा स्मरण रखने को कहा।
पद्मविभूषण केके वेणुगोपाल ने कहा कि आज लॉ के विद्यार्थियों को काफी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि लॉ का प्रोफेशन चुन रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ प्रारंभ करें। अधूरी तैयारी वालों के लिए यह प्रोफेशन कुछ ही दिनों में बुरा प्रतीत होने लगेगा। दीर्घायु होने के लिए खुद को वर्तमान की न्यायिक घटनाओं से अपडेट रखें। नीति, सिद्धांत, अनुशासन सफलता के मूल मंत्र हैं। मौके पर लॉ कमिशन के सदस्य प्रो. शिवकुमार, रजिस्ट्रार प्रो. एसपी सिन्हा आदि मौजूद थे।