Kartik Purnima 2021: आज रात ही शुरू हो जाएगी पूर्णिमा, गंगा स्नान के लिए पटना में हो रही तैयारी
Kartik Purnima 2021 कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को है। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व काफी ज्यादा होता है। इस दिन गंगा स्नान के साथ ही दीपदान और पूजा का विशेष स्थान होता है। पूर्णिमा 18 नवंबर की रात 12 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो जाएगा।
पटना, आनलाइन डेस्क। Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को है। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व काफी ज्यादा होता है। इस दिन गंगा स्नान के साथ ही दीपदान और पूजा का विशेष स्थान होता है। पूर्णिमा 18 नवंबर की रात 12 बजकर 02 मिनट पर शुरू हो जाएगी। यह 19 नवंबर को दोपहर दो बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं और गंगा स्नान करते हैं। कार्तिक पूर्णमा के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है। स्नान के बाद दीपदान करें। यूं तो त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेष) की पूजा की जाती है लेकिन भगवान कृष्ण और राधा की पूजा की परंपरा भी रही है। इस दिन किया दान का फल दोगुना मिलता है। कई जगह भेड़ दान किया जाता है। मान्यता है कि इससे कष्ट दूर होते हैं। कुछ जगहों पर इसी दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी कराया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को घाटों पर बैरिकेडिंग शुरू
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर पटना नगर निगम ने घाटों की बैरिकेडिंग का काम शुरू कर दिया है। नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने सभी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों और कार्यपालक अभियंताओं को तत्काल इसे पूर्ण करने का निर्देश दिया है। नगर आयुक्त के निर्देश पर बांकीपुर अंचल ने सीढ़ी वाले आठ घाटों पर गंगा स्नान की व्यवस्था की है। गांधीघाट, कालीघाट, लॉ कालेज घाट, रानीघाट, बड़हरवा घाट, घाघा घाट्र चौधरी टोला घाट और पथरी घाट पर बैरिकेडिंग की जा रही है। एलसीटी घाट पर गंगा स्नान की व्यवस्था नहीं हो सकती है। राजापुर पुल घाट सहित कई अन्य घाटों पर गंगा स्नान की व्यवस्था की जा रहा है। पटना सिटी और अजीमाबाद अंचल भी गंगा घाटों पर स्नान की तैयारी में जुटा है। कंगनघाट पर भी स्नान की व्यवस्था की जा रही है। नगर निगम कर्मियों ने गंगा घाट के लिए चयनित घाटों की सफाई भी प्रारंभ करा दी है। सभी घाटों पर लाइङ्क्षटग की व्यवस्था करायी जा रही है। रात्रि 12 बजे से ही लोग गंगा स्नान के लिए चल पड़ते हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन के स्तर पर हर घाट पर दंडाधिकारी और फोर्स की व्यवस्था की जाती है। गंगा के अंदर एनडीआरएफ और एसटीआरएफ रहती है।