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देश के नए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का बिहार से भी रहा है गहरा नाता

भारत के 45 वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में दीपक मिश्रा ने आज शपथ लिया। बिहार से भी उनका गहरा नाता रहा है। वर्ष 2009 में उन्होंने पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभाला था।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 12:36 PM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 11:52 PM (IST)
देश के नए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का बिहार से भी रहा है गहरा नाता
देश के नए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का बिहार से भी रहा है गहरा नाता

पटना [जेएनएन]। भारत के 45 वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में दीपक मिश्रा ने आज पद और गोपनीयता की शपथ ली। चीफ जस्टिस जेएस खेहर के रविवार को रिटायर होने के बाद अब दीपक मिश्रा ने यह पदभार संभाला है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सोमवार को दरबार हॉल में शपथ दिलाई। वे इस पद पर 13 महीने तक रहेंगे।

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भारत के नवनिर्वाचित प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा का पटना से भी खास नाता रहा है। दरअसल जस्टिस मिश्रा सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायधीश थे। ओडिशा के रहने वाले जस्टिस मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था। 

जस्टिस दीपक मिश्रा ने 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से बतौर वकील करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 1996 में वह ओडिशा हाईकोर्ट के जज बने। इसके बाद वर्ष 2009 में जस्टिस दीपक मिश्रा ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभाला। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल देवानंद कुंवर ने 24 दिसंबर 2009 को उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई थी। 

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दीपक मिश्रा की अगुवाई में लिए गए ये अहम फैसले

1.30 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने ही पूरे देश में सिनेमा घरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाये जाने और इस दौरान खड़े होने की अनिवार्यता का फरमान सुनाया था।

2.मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने ही सुनाई थी। इस मामले में उनकी अध्यक्षता में आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ था सुप्रीम कोर्ट में रात भर सुनवाई चली थी। उन्होंने याकूब की दया याचिका को शकरिज कर दी थी।

3.दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया काण्ड में तीनों दोषियों की फांसी की सजा को जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने इसी साल 5 मई को बरकरार रखने का आदेश दिया था।

4.जस्टिस मिश्रा ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के बाद उसे 24 घंटे के भीतर वेबसाइट पर अपलोड करने का भी आदेश दिया था। फिलहाल दीपक की अगुवाई वाली बेंच ही अयोध्या मामले के अलावा बीसीसीआई रिफार्म, सहारा सेबी मामले की सुनवाई कर रही है।


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