नालंदा में जज ने मुजरिम से अॉनलाइन सुना राष्ट्रगान और दे दी जमानत, वजह भी बताई
नालंदा जिला किशोर न्यायालय में जज ने आरोपित से जन-गण-मण अधिनायक जय हो... पूरा सुना और उसे जमानत दे दी। जज ने आरोपित से ऐसा करवाने की वजह भी बताई।
नालंदा, जेएनएन। एक बार फिर जमानत के लिए कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई है। नालंदा जिला किशोर न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने के आरोपित किशोर को राष्ट्रगान गाने पर जमानत दे दी। जज मानवेंद्र मिश्रा ने आरोपित से 'जन-गण-मण अधिनायक जय हो...' पूरा सुना और उसे जमानत दे दी। अदालत ने आरोपित से कहा कि राष्ट्रगान इसलिए गाने को कहा गया ताकि तुम्हारे मन में राष्ट्र प्रेम तथा संविधान के प्रति सम्मान जागृत हो। साथ ही तुम आगे से ऐसी हरकत करने से बचो।
सीएए को लेकर किशोर ने की थी अभद्र टिप्पणी
दरअसल केंद्र सरकार के नागरिक संशोधन कानून लाने के बाद देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। नालंदा में भी कुछ माह पहले पूरे शहर में एनआरसी व सीएए का विरोध चल रहा था। ऐसे में कुछ असमाजिक तत्वों ने किशोर को भड़काकर पीएम पर अभद्र टिप्पणी करा दी। उसे भड़काने वालों ने ही उसका वीडियो शूट कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। इसे लेकर किशोर के खिलाफ शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के बारे में आपत्तिजनक बातें कहने का आरोप लगाकर मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में आरोपित किशोर की ओर से जुवेनाइल कोर्ट में जमानत याचिका फाइल की गई थी।
जानी कहानी तो स्पष्ट हुआ मामला
सुनवाई करते हुए जज ने किशोर के ऐसे कृत्य के पीछे की कहानी जानी तो सारा मामला स्पष्ट हो गया। जज ने आरोपित किशोर व उसके पिता की दलील ऑनलाइन सुनी। इस दौरान जज ने किशोर व उसके पिता से कहा कि सीएए के विरोध में 'कागज नहीं दिखाने' की मुहिम समझ के परे है। कोई जज या कलक्टर भी बन जाए तो उसे जरूरत पडऩे पर अपनी पहचान बतानी ही पड़ती है। आज किशोर को जमानत लेने के लिए भी जमानतदार को भी अपनी पहचान साबित करनी ही होगी।