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CM नीतीश से मुलाकात के बाद तेजस्वी पर भड़के जीतनराम मांझी, दे दी है खुली चुनौती

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। वहीं आज उन्होंने तेजस्वी यादव को खुली चुनौती दी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 04:35 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 10:41 PM (IST)
CM नीतीश से मुलाकात के बाद तेजस्वी पर भड़के जीतनराम मांझी, दे दी है खुली चुनौती
CM नीतीश से मुलाकात के बाद तेजस्वी पर भड़के जीतनराम मांझी, दे दी है खुली चुनौती

पटना, जेएनएन। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर बिहार की राजनीति में हंगामा मचा दिया है और उसके बाद उन्होंने राजद को धमकी देते हुए कहा है कि अगर  31 मार्च तक को-अॉर्डिनेशन कमेटी नहीं बनती है तो राजद के बिना कांग्रेस, हम,वीआइपी और रालोसपा वामदल के साथ मिलकर भविष्य की राजनीति तय करेंगे। 

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मांझी ने तेजस्वी पर लगाया बड़ा आरोप 

इसके साथ ही जीतनराम मांझी ने तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजद की तरफ से राज्यसभा का टिकट किसे दिया गया, ये सभी जानते हैं। तेजस्वी यादव अपने मन से कोई भी निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद के बर्ताव से लगता है कि वह महागठबंधन के साथ चलने को अब तैयार नहीं है, एेसे में हमें तो सोचना ही पड़ेगा।

मांझी ने कहा-नीतीश ने मान ली है मेरी बात

नीतीश कुमार से मुलाकात के सवाल पर मांझी ने कहा कि जैसी बातें मीडिया में चल रही है वैसे कुछ नहीं है।दरअसल, हमने अपने इलाके में आईटीआई कॉलेज का उद्घाटन करने की मांग की थी जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। मांझी ने फिर से तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन नहीं करेंगे तो क्या लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव करेंगे?

वहीं प्रेसवार्ता में तेजस्वी यादव ने भी जीतन राम मांझी को को करारा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने मांझी की नाराजगी और उनके द्वारा उठाए गए को-ऑर्डिनेशन कमेटी की डिमांड पर तेजस्वी ने कहा कि को-ऑर्डिनेशन कमेटी के बिना ही मांझी जी के बेटे संतोष मांझी को राजद कोटे से एमएलसी बनाया गया है? 

तेजस्वी के इस बयान पर मांझी ने कहा, 'मैंने महागठबंधन में आने के लिए और टिकट देने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था, बल्कि 50 बार फोन आने के बाद महागठबंधन में शामिल हुआ था। मेरे बेटे को विधानपरिषद का टिकट मिला तो चुनाव में कई सीटों को जिताने में मेरी पार्टी से मदद भी मिली। इस बारे में तेजस्वी जी को कुछ पता नहीं है और इसे लालू जी ही ज्यादा जानते हैं।


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