पश्चिम बंगाल की 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जीतनराम मांझी की पार्टी, कोलकाता में होगी सभा
जीतनराम मांझी की नजर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव पर है। वे वहां हम की प्रदेश इकाई के साथ बैठक फैसला 26 सीटों पर हाथ आजमाने की तैयारी है। पार्टी मार्च में होली के पहले कोलकाता में जनसभा करेगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021 हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) पश्चिम बंगाल चुनाव में 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इसकी तैयारी को लेकर पार्टी मार्च में होली के पहले कोलकाता में जनसभा करेगी। कोलकाता में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ बंगाल के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मांझी ने कहा कि बंगाल चुनाव में जीत-हार से उन्हें कोई मतलब नहीं है। यहां लडऩे का मकसद गरीबों, किसानों, महिलाओं व बेरोजगारों के मुद्दे पर अपनी बात रखना है। पार्टी जिन मुद्दों पर बनी है, उससे बिहार के साथ बंगाल के लोगों को वाकिफ कराना है। उन्होंने कहा कि अभी उनकी किसी भी दल से गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। मार्च में होने वाली सभा के बाद अपनी ताकत देखने के बाद पार्टी आगे का निर्णय लेगी। भाजपा और जदयू के भी बंगाल चुनाव लडऩे की बात पर मांझी ने कहा कि वह एनडीए में हैं, मगर नैतिकता की बात जहां आएगी, वहां अपना स्टैंड जरूर रखेंगे।
बिहार में 20 सीटें मिलतीं तो 16 जीतते
मांझी ने कहा कि उनकी चाह है कि बिहार में एक एमएलसी और एक मंत्री की सीट पार्टी को मिले। इससे नीतीश जी को अवगत करा दिया है। बिहार चुनाव के समय हमने कोई शर्त नहीं रखी। नीतीश जी ने जो तय किया, उसपर चुनाव लड़े। उन्होंने सात सीटें दी तो चार पर जीतकर आए। अगर उस समय 20 सीटें मिलतीं तो पार्टी 16 सीटों पर जीतकर आती। दो दिवसीय दौरे के बाद गुरुवार की रात विमान से मांझी कोलकाता से पटना लौट आए।
बंगाल चुनाव में कूदे बिहार के प्रमुख क्षेत्रीय दल
विदित हो कि पश्चिम बंगाल चुनाव में बिहार के सभी प्रमुख क्षेत्रीय दल कूद पड़े हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD), लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बाद अब हिंदुस्तानी अवाम माेर्चा (HAM) ने भी वहां मैदान में कूदने की घोषणा की है। सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress) व वाम दल (Left Parties) वहां मैदान में प्रमुख खिलाड़ी हैं। अब पश्चिम बंगाल के चुनाव में बिहार की राजनीति का तड़का क्या गुल खिलाता है, यह देखना शेष है।