जीतनराम माझी ने केंद्र के सामने रखी बड़ी मांग, नीतीश सरकार को बताया दलित विरोधी
हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार से हज यात्रियों के लिए जीएसटी से मुक्त रखने को कहा है।
पटना [जेएनएन]। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जहां केंद्र सरकार से हज यात्रियों को जीएसटी से मुक्त रखने की मांग की है वहीं मांझी ने नीतीश सरकार को दलित विरोधी करार देकर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है।
जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार से हज यात्रा करने वाले लोगों से जीएसटी खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हज यात्रा पर जीएसटी लगाना जजिया कर लगाने के समान है। इस दौरान जीतन राम माझी ने राज्य के नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने दलितों और मुस्लिमों के बहाने नीतीश सरकार को घेरा है। माझी ने कहा है कि राज्य सरकार मुस्लिमों और दलितों को प्रताड़ित कर रही है। दलितों का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
नई हज नीति में हज सफर पर नौ फीसद जीएसटी
गौर हो कि केंद्र सरकार ने हाल ही में नई हज नीति बनाई है। यह नीति 2018 से 2022 के लिए बनी है। इसमें हज के लिए किए जाने वाले सफर पर नौ फीसद जीएसटी भी देना होगा। केंद्र सरकार का अल्पसंख्यक मंत्रालय अक्टूबर 2017 में नई हज नीति लेकर आया था। केंद्र सरकार की नई हज नीति तब से लगातार किसी न किसी वजह से चर्चा में बनी है।
20 हजार रुपए महंगा हुआ हज का सफर
हज यात्रा पर जीएसटी लगने के बाद एक आदमी का इस सफर के लिए खर्च पहले के मुकाबले तकरीबन 20 हजार रुपए बढ़ जाएगा। हज और उमराह पर जाने वाले यात्रियों पर जीएसटी का कई संगठन विरोध कर रहे हैं। हज कमेटी का कुल कोटा एक लाख 70 हजार यात्रियों का होता है।
इधर सुप्रीम कोर्ट मे दायर इस याचिका में कहा गया है कि हज एक धार्मिक यात्रा है, जो पहले से ही काफी महंगी है। ऐसे में इस पर और टैक्स लगाने से ये सफर गरीब लोगों की पहुंच से दूर हो जाएगा। याचिका में माग की गई है कि इस पर जीएसटी लागू नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अटॉर्नी जनरल से जवाब मागा है।