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Jharkhand Election Result 2019: बिहार में मजबूत होगी गठबंधन की सियासत, सबक लेेंगे बड़े दल

Jharkhand Election Result 2019 झारखंड के चुनाव परिणाम का बिहार की सियासत के दाेनों बड़े गठबंधनों पर बड़ा असर पड़ना तय है। ये क्‍या हो सकते हैं आइए डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 08:23 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 01:32 PM (IST)
Jharkhand Election Result 2019: बिहार में मजबूत होगी गठबंधन की सियासत, सबक लेेंगे बड़े दल
Jharkhand Election Result 2019: बिहार में मजबूत होगी गठबंधन की सियासत, सबक लेेंगे बड़े दल

पटना [अरविंद शर्मा]। झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे (Jharkhand Election Result 2019) से बिहार की राजनीति भी सबक ले सकती है। जिस तरह कांग्रेस (Congress), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) ने आपसी समझ के साथ सहज गठबंधन (Alliance) कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को झारखंड की सत्ता से उखाड़ फेंका, उसके असर से बिहार भी अछूता नहीं रहेगा। पड़ोसी राज्य में सक्रिय राजनीतिक दलों की दोस्ती की नजीर सीमा पार कर बिहार भी पहुंच सकती है और कुछ महीने बाद यहां होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के पहले दोनों गठबंधनों में 'पक्की दोस्ती' की बुनियाद पड़ सकती है।

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केवल अपने पर भरोसा करने के पहले सोचेंगे दल

झारखंड के जनादेश के बाद किसी भी दल को अपने बूते पर भरोसा करने के पहले अब कई बार सोचना पड़ेगा।

झारखंड से निराशा मिलने के बावजूद जनता दल यूनाइटेड (JDU) को बिहार में साथी दलों के साथ सीट बंटवारे के मोर्चे पर सुकून मिल सकता है, जबकि बीजेपी के दबाव में आने से इनकार नहीं किया जा सकता है। विरोधी खेमे के हालात भी अलग नहीं होंगे।

सीट बंटवारे में उठेगी उचित हिस्‍सेदारी की बात

सीट बंटवारे की बात आएगी तो आरजेडी के सामने कांग्रेस भी झारखंड का नजीर रख सकती है। उचित हिस्सेदारी के लिए दबाव बना सकती है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ऐसा किया भी था, लेकिन उसकी बात अनसुनी कर दी गई थी, जिसका नकारात्मक असर नतीजे पर भी पड़ा था।

दो गुटों में बंटे हैं बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल

झारखंड की तरह बिहार में सक्रिय राजनीतिक दल भी स्पष्ट रूप से दो खेमे में बंटे हुए हैं। बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) का एक खेमा है तो आरजेडी, कांग्रेस एवं अन्य दलों का दूसरा खेमा। आरजेडी और कांग्रेस के सुर-ताल कई बार गड़बड़ भी हो चुके हैं। गठबंधन के नए साथी राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP), हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मन भी मचलते रहे हैं।

बिहार लोकसभा चुनाव से बीजेपी ने नहीं लिया सबक

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान सीट बंटवारे के मुद्दे पर महागठबंधन (Grand Alliance) में लठबंधन की स्थिति थी। जबकि, दूसरी तरफ बीजेपी, जेडीयू व एलजेपी (LJP) ने आपसी समझदारी के तहत मैदान में उतरने से पहले आसानी से सीटें बांट ली थीं। झारखंड में बीजेपी ने बिहार के लोकसभा चुनाव के परिणाम से सबक नहीं लिया। आजसू को दरकिनार करते हुए अकेले मैदान में उतर गई, जिससे परिणाम उलट गया। 

टूट सकता बड़े दलों के एकाधिकार का भ्रम

बिहार में फ्रंट से खेलने का सपना देखने वाले बड़े दलों का एकाधिकार का भ्रम अब टूट सकता है। छोटों का मनोबल बढ़ सकता है। ऐसे में दोनों गठबंधनों के प्रमुख दलों की मजबूरी होगी कि वे मैदान में उतरने से पहले एकता और एकजुटता के तार को टटोल लें और कील-कांटे दुरुस्त कर लें। साथी दलों की हैसियत की परख करते हुए ही सीटों का बंटवारा करें, ताकि झारखंड जैसी स्थिति न आ पाए।


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