बिहार में निशाने पर आए झारखंड के CM हेमंत सोरेन, भोजपुरी और मगही बोलने वालों पर दिया था बयान
Bihar Politics झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान से बिहार की राजनीति में उबाल है। भोजपुरी और मगही भाषी लोगों के खिलाफ उनके बयान को बिहार के राजनीतिक दलों ने आपत्तिजनक बताया है और उनकी समझ पर सवाल उठाया है।
पटना, आनलाइन डेस्क। Bihar Politics: भोजपुरी और मगही को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है। बिहार में जनता दल यूनाइटेड, भारतीय जनता पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है। दूसरी तरफ झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में सहयोगी दल राजद के प्रवक्ता ने उनके बयान का बचाव किया है। आपको बता दें कि हेमंत ने भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोगों को डोमिनेटिंग नेचर यानी वर्चस्व चाहने वाला बताया है। हेमंत ने कहा कि अविभाजित बिहार में झारखंड की महिलाओं के साथ गलत काम करने वाले ये भाषाएं बोलते थे। झारखंड के आंदोलन के वक्त भोजपुरी में गालियां दी जाती थीं। उन्होंने कहा कि इन दोनों भाषाओं का झारखंड के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है और ये बिहार की भाषाएं हैं।
जदयू ने बताया बिहार का अपमान
जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता अभिषेक झा ने उनके बयान को बिहार का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि जदयू ने कभी जाति, धर्म, संप्रदाय और भाषा के आधार पर कभी भेदभाव नहीं किया। उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में तो कोई फर्क ही नहीं है। भोजपुरी और मगही का साहित्य तो काफी समृद्ध रहा है।
झारखंड के सीएम की ओछी राजनीति: बीजेपी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा संजय जायसवाल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने भोजपुरी और मगही भाषा का हेमंत पर अपमान करने व हिंदी दिवस पर भाषा का अपमान करने को लेकर चिंता जताई है।
हम बोला: उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं
हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने हेमंत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें भारत के इतिहास की जानकारी नहीं है। उनसे ऐसे ही बयान की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि उन्हें भोजपुरी और मगही के योगदान के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
राजद ने किया हेमंत सोरेन का बचाव
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस मसले पर हेमंत का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने किसी और परिप्रेक्ष्य में ये बातें कही होंगी। उन्होंने कहा कि भाषा का सम्मान किया जाना चाहिए और भोजपुरी एवं मगही का महत्व तो पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि हेमंत ने इन भाषाओं के प्रति कोई विद्वेष नहीं दिखाया है।