पार्टी को धोखा देने वालों को तलाश रही जदयू, होगी कड़ी कार्रवाई : वशिष्ठ
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में बगावत करने वालों पार्टी के नेताओं पर जदयू कड़ी कार्रवाई करेगा। इसके लिए पार्टी में क्षेत्रवार हर स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
पटना। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में बगावत करने वालों पार्टी के नेताओं पर जदयू कड़ी कार्रवाई करेगा। इसके लिए पार्टी में क्षेत्रवार हर स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
इसमें पार्टी के जो भी पूर्व विधायक, नेता या फिर कार्यकर्ता का नाम सामने आयेगा उसकी क्षेत्रवार समीक्षा करके उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
जिन नेताओं ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी से बगावत कर दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव लड़ा,निर्दलीय चुनाव लड़ा या दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों को सहयोग किया और अब अपने को जदयू के अंदर का नेता मान रहे हैं वैसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।पार्टी उनसे शो कॉज पूछने के साथ-साथ उन्हें निलंबित और निष्कासित भी कर सकती है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों की क्षेत्रवार समीक्षा की जा रही है जिसमें कुछ नेताओं के बगावत कर चुनाव लड़ने और कुछ के पार्टी व गठबंधन प्रत्याशी के विरोध में काम करने का आरोप लगाया गया है, उनसब पर कार्रवाई की जायेगी।
नयी दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मंत्री व विधायक श्याम रजक के नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि श्याम रजक पार्टी के महत्वपूर्ण साथी हैं। पार्टी उनकी कद्र करती है। वे अपने दूसरे कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो सके थे।
उन्होंने बताया कि पार्टी अपना चुनाव चिह्न तीर को भी बदलना चाहती है इसके लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को अधिकृत कर दिया है। वे ही अब चुनाव आयोग से मिलेंगे और पार्टी के फैसले से उन्हें अवगत करायेंगे।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार के विधानसभा चुनाव ने देश को एक नया मैसेज दिया है कि देश की राजनीति अब एक दल की नहीं, बल्कि महागंठबंधन की होगी। अब देश की राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गयी है।
देश की जनता का मिजाज अब लोगों की समझ में आ रहा है। बिहार में दो धाराओं के बीच लड़ाई थी। एक धारा का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे थे, जबकि दूसरी धारा का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे। अब जनता ने बता दिया है कि देश या राज्य में कॉरपोरेट सेक्टर के आधार पर राजनीति नहीं चल सकती है।
अब राजनीति खेत-खलिहान में रहने वाले, दलितों-पिछड़ों को अपने एजेंडो में शामिल करने वालों से चलेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले नीतीश कुमार नेतृत्व कर्ता के रूप में उभर के सामने आये और विजयी हुए हैं जिसके दूरगामी परिणाम भी सामने आएंगे।