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जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने अमित शाह को दिया आमंत्रण, बिहार के लिए गृह मंत्री को एक सलाह भी दी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ललन सिंह को नया नेता कहा तो जदयू अध्यक्ष ने कहा कि हम तो 1974 के जेपी आंदोलन के समय से नेता हैं। शाह अपने बारे में बताएं कि वे कब से नेता हैं।

By Arun AsheshEdited By: Akshay PandeyPublished: Fri, 23 Sep 2022 09:35 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 09:35 PM (IST)
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अमित शाह और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पीठ में छूरा भोंका है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई नेता एक क्षेत्रीय पार्टी के उम्मीदवार बन कर चुनाव लड़ रहे थे। बीजेपी के कार्यकर्ता जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ काम कर रहे थे। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उन्हें नया नेता कहने पर टिप्पणी की-हम तो 1974 के जेपी आंदोलन के समय से नेता हैं। शाह अपने बारे में बताएं कि वे कब से नेता हैं। 

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ललन सिंह ने कहा कि बिहार में जंगलराज नहीं है। मंगलराज है। अगर अमित शाह को संदेह है तो आम आदमी की तरह राज्य में रात में यात्रा करें। किसी ने उन्हें रोका-टोका तो समझ जाएंगे कि कानून व्यवस्था की हालत खराब है। सिंह ने कहा कि पूर्णिया की रैली को लेकर बहुत दिनों से प्रचार हो रहा था। हमलोगों को उम्मीद थी कि अमित शाह कुछ खास बोलेंगे।  लेकिन, यहां तो खोदा पहाड़, निकली चुहिया वाला मामला हो गया। अमित शाह बेरोजगारी और महंगाई जैसे ज्वलंत सवालों पर कुछ नहीं बोले। यह नहीं बताया कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ। नई नौकरियां नहीं मिल रही हैं। अवसर समाप्त किए जा रहे हैं। अभी केंद्रीय बलों के तीन हजार पद समाप्त किए गए। 

भाजपा मुक्त भारत की नींव भी बिहार में पड़ चुकी है

जदयू नेता ने कहा कि अमित शाह की इस बात से हम सहमत हैं कि बिहार परिवर्तन की धरती है। भाजपा मुक्त भारत की नींव भी बिहार में पड़ चुकी है। अभी वे ट्रेलर देख रहे हैं। 2024 में पूरी फिल्म देखेंगे। सिंह ने कहा कि 2017 में भाजपा में दोबारा शामिल होकर जदयू ने भूल की थी। उसे सुधार दिया गया है। बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद सामाजिक न्याय और न्याय के साथ विकास की अवधारणा के स्वाभाविक नेता हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि देश के एक उद्योगपति 2013 में अमीरों की सूची में नौवें स्थान पर थे, अब कैसे दुनिया के अमीरों में दूसरे नंबर पर आ गए हैं।


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