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Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा को नोटिस भेजने की तैयारी में जदयू, कई सवालों के जवाब मांगे जाएंगे

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाल में दिए गए उनके बयानों को लेकर जदयू उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। हालांकि कुशवाहा का कहना है कि उन्होंने कभी भी पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Yogesh SahuPublished: Sat, 04 Feb 2023 10:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 10:56 PM (IST)
Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा को नोटिस भेजने की तैयारी में जदयू, कई सवालों के जवाब मांगे जाएंगे
Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा को नोटिस भेजने की तैयारी में जदयू, कई सवालों के जवाब मांगे जाएंगे

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की राजनीति में अब यह साफ हो चला है कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर जदयू कार्रवाई करेगी। इस बाबत पूरी प्रक्रिया का ख्याल रखते हुए उन्हें नोटिस भेजे जाने को लेकर तैयारी चल रही है। नोटिस के जवाब के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

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उपेंद्र कुशवाहा को जो नोटिस भेजा जा रहा है, उसमें सबसे पहले इस बात का जिक्र है कि उन्होंने पार्टी की आरे से आयोजित शहीद जगदेव प्रसाद की जयंंती में भाग नहीं लेकर किसी दूसरे संगठन की ओर से आयोजित जयंती कार्यक्रम में भाग क्यों लिया? 

इस संबंध में पहले ही पार्टी की ओर से साफ-साफ कह दिया गया था कि पार्टी से जुड़ा व्यक्ति पार्टी के आयोजन में ही शामिल हो। इसके अतिरिक्त हाल के दिनों में लगातार प्रेस कांफ्रेंस कर उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर जिस तरह से टिप्पणी की है, उसे भी जदयू अनुशासनहीनता मानता है।

जदयू से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यह बात भी कही जा रही है कि जिन बातों को पार्टी फोरम पर उठाना चाहिए था उन्हें उपेंद्र कुशवाहा ने सार्वजनिक रूप से प्रेस कांफ्रेंस में कहा। पार्टी की नीतियों पर भी सवाल उठाए। ऐसी संभावना है कि अगले हफ्ते तक जदयू की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को नोटिस भेजा जाएगा। एक तय अवधि तक उन्हें जबाव देने के लिए कहा जाएगा। अगर उनका जबाव नहीं आता है तो पार्टी उन पर कार्रवाई करेगी।

मैंने नीतीश कुमार और पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं बोला : उपेंद्र

इधर, उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू की ओर से नोटिस भेजे जाने की तैयारी के बीच शनिवार के कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा है। पार्टी किसी की निजी संपत्ति नहीं। यह न मेरी है और न किसी और की। यह किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है।

उपेंद्र ने कहा कि वह तो सिर्फ पार्टी को बचाने की बात कर रहे हैं। पार्टी अगर नहीं बची तो सभी का नुकसान होगा। जब राजद के नेता यह कह रहे हैं कि नीतीश कुमार अपनी कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप दें तो फिर जदयू के नेता इस पर क्यों नहीं कुछ बोल रहे। इस डील को सार्वजनिक करने की बात ही तो मैंने की है। नीतीश कुमार ने जिस दिन यह कहा था कि अगला चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा तो इस बारे में पार्टी के सभी नेताओं से चर्चा होनी चाहिए थी।


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