JDU MLC ने की थी लालू से मुलाकात, जदयू नेताओं ने राजद को कह दी ये बड़ी बात
जदयू के विधानपार्षद जावेद इकबाल अंसारी के लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद राजद ने दावा किया था कि जदयू नेता राजद मे आएंगे। उसपर जदयू नेताओं ने भी जवाब दिया है।
पटना, जेएनएन। दिल्ली में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 11 फरवरी को आने वाला है। उसके बाद बिहार में सियासी पारा चढ़नेवाला है, क्योंकि अगला विधानसभा चुनाव बिहार में ही होनेवाला है। हालांकि चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। जहां नवंबर महीने से ही बिहार में पोस्टर वार जारी है तो वहीं अब जुबानी जंग भी धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है।
राजद ने किया दावा, जदयू ने दिया जवाब
चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का खेल अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन प्रमुख पार्टियां अभी से दावा करने में लगी हैं कि चुनाव से पहले विपक्षी दलों के नेता उनकी ही पार्टी ज्वाइन करेंगे। राजद ने दावा किया है कि जदयू के 30 विधायक उसके संपर्क में हैं. तो वहीं जदयू ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि बजट सत्र शुरू होने दीजिए पता चल जाएगा कि कौन विधायक किसके संपर्क में हैं?
जदयू एमएलसी ने लालू से की थी मुलाकात
राजद-जदयू के बीच ये बयानबाजी जदयू के विधानपार्षद जावेद इकबाल अंसारी की रांची के रिम्स जाकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद शुरू हुई है, जिसके बाद जदयू नेताओं ने एक सुर में कहा है कि राजद के कई नेता जदयू के संपर्क में हैं।
जदयू ने जावेद पर कसा तंज, कहा-राजद-कांग्रेस में मचेगी भगदड़
बिहार सरकार के मंत्री सह जदयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि बजट सत्र खत्म होते-होते राजद और कांग्रेस में भगदड़ मचेगी। इन दोनों पार्टियों के कितने विधायक टूटते हैं, यह देखने वाली बात होगी।
जदयू नेता सह बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि हम एक तरफ कब्रिस्तान घेरने में लगे हैं, शराबबंदी कर पैगम्बर की ख्वाहिशों को पूरी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ वही लोग मॉल के लिए जमीन घेरने वालों से मिल रहे हैं। उन्होनें कहा कि हमने तो सम्मान दिया, लेकिन जाने वाले को कौन रोक सकता है?
नीरज कुमार ने कहा कि जावेद इकबाल अंसारी का कार्यकाल खत्म होने वाला है, इसलिए वो अपनी नई जमीन तलाशने में लग गए हैं। बता दें कि जावेद अंसारी पहले राजद में थे, लेकिन साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वे जदयू में शामिल हो गए। अब इसी साल मार्च में उनका एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने वाला है।
उन्होंने राजद पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि जिस पार्टी का साल 2019 के लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खुल सका, वो पार्टी जदयू के विधायकों के संपर्क में आने की बात कह रही है? ऐसा किस आधार पर कहा जा रहा है, यह समझ से परे है। डूबती हुई नाव पर भला कौन सवारी करता है?
बता दें कि नाराजगी दोनों दलों के विधायकों में देखी जा सकती है। राजद संगठन में जिन नेताओं को जिम्मेदारियां दी गई हैं, उसे लेकर कई विधायक नाराज हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जदयू के विधायक भी पार्टी से संतुष्ट नहीं हैं।