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CM नीतीश की नाराजगी पर पवन वर्मा का पलटवार- पहले चिट्ठी का जवाब तो दीजिए

पवन वर्मा ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की नाराजगी पर कहा है कि मैं आपको नाराज करना नहीं चाहता था। पहले आप मेरी चिट्ठी का जवाब दे दीजिए फिर मैं कहां जाना है ये सोचूंगा?

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 10:31 PM (IST)
CM नीतीश की नाराजगी पर पवन वर्मा का पलटवार- पहले चिट्ठी का जवाब तो दीजिए

पटना, जेएनएन। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा की चिट्ठी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्पष्ट कह दिया कि सीएए-एनआरसी को लेकर उनका स्टैंड क्लियर है। पवन वर्मा को जहां जाना है जाएं, मेरी शुभकामना उनके साथ है। नीतीश के इस बयान पर पवन वर्मा ने जवाब दिया है और उन्होंने साफ-साफ कहा है कि जब तक उनके पत्र में उठाए सवालों का नीतीश कुमार की तरफ से जवाब नहीं दिया जाएगा तब तक वो कोई निर्णय नहीं लेने जा रहे हैं।

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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी(NRC) के मसले पर लगातार बयानबाजी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) खासे नाराज हैं और दिल्ली में भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी के महासचिव पवन वर्मा के उठाए सवालों पर उन्होंन सख्ती दिखाई है और गुरुवार को स्पष्ट कह दिया कि पवन वर्मा को जहां जाना है जाएं, मेरी शुभकामना उनके साथ है।

पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को जवाब देते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि नीतीश कुमार ने कम से कम इस मामले का संज्ञान तो लिया। मैंने पहले भी लिखा था, लेकिन मुझे जवाब नहीं मिला। यह उनके लिए पार्टी की विचारधारा को स्पष्ट करने का समय है। जब तक मुझे अपने पत्र का जवाब नहीं मिल जाता, मैं यह तय नहीं कर सकता कि आगे क्या करना है?

बता दें कि बुधवार को पवन वर्मा ने एक खुला पत्र लिखते हुए सीएम नीतीश कुमार से पार्टी की विचारधारा स्पष्ट करने की बात कही थी और दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर सवाल उठाया था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था, वर्ष 2013 से 2017 तक जेडीयू ने नरेंद्र मोदी और बीजेपी का पुरजोर विरोध किया लेकिन हाल में जो चीजें हुई हैं, उसके बाद जेडीयू की विचारधारा का स्पष्टीकरण होना चाहिए।  

लोगों को अगर लगता है कि नीतीश कुमार का डबल स्टैंडर्ड है, तो ये जेडीयू के लिए गलत है। क्या सिर्फ हम अवसर आने पर फैसला करने लगे हैं या फिर जेडीयू की कोई विचारधारा है? अकाली दल ने बीजेपी के साथ दिल्ली में गठबंधन नहीं किया और जेडीयू साथ चुनाव लड़ रही है।


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