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धू-धू कर जल उठे जनशताब्दी के तीन डिब्बे, पटना जंक्शन पर खड़ी थी ट्रेन

पटना जंक्शन पर खड़ी जनशताब्दी एक्सप्रेस के तीन कोच में अचानक आग लग गई जिससे अफरा-तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 26 Aug 2017 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2017 10:13 PM (IST)
धू-धू कर जल उठे जनशताब्दी के तीन डिब्बे, पटना जंक्शन पर खड़ी थी ट्रेन

पटना [जेएनएन]। पटना जंक्शन पर शुक्रवार की देर रात लगभग ढाई बजे 12023 हावड़ा-जनशताब्दी एक्सप्रेस के डीआर-2 कोच में शार्ट सर्किट से आग लग गई। उस समय यह गाड़ी प्लेटफार्म संख्या-8 पर खड़ी थी। देखते-देखते आग कोच डी-11 एवं डी 12 में भी फैल गई।

आग की लपट देखते ही आरपीएफ व जीआरपी के जवान व अधिकारी दौड़ पड़े। बैरक में मौजूद जवानों को भी आग बुझाने में लगा दिया गया। तीनों डिब्बों को रैक से काटकर अलग किया गया। डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 4 बजे आग पर काबू पा लिया गया।

घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर वीएन कुमार, जीआरपी इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार, एसपी रेल जितेन्द्र मिश्र समेत अन्य रेलकर्मी तत्काल मौके पर पहुंच गए। दानापुर मंडल के वरीय इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, वरीय मंडल परिचालन अधिकारी समेत अन्य अधिकारी भी पहुंचे। आग बुझाने के बाद इसके कारणों का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

पाया गया कि जिस वक्त आग लगी , बोगी की सारी खिड़कियां व दरवाजे बंद थे। तार पूरी तरह जल गए थे। बोगी के फर्श को विशेष नुकसान नहीं पहुंचा है। जबकि छत व सामान रखने वाले रैक पूरी तरह खाक हो गए। बाकी दोनों कोच में सीट व छत को नुकसान पहुंचा है। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। जली बोगियों की जांच के लिए फौरेंसिक विशेषज्ञों को बुलवाया गया। उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही कारणों का सही पता चलेगा।

इधर, आरपीएफ ने पूछताछ के लिए बिजली विभाग के दो कनीय अधिकारियों को हिरासत में लिया है। एक कनीय अधिकारी को बोगी में प्रवेश कर साक्ष्य नष्ट करते रंगे हाथ पकड़ा गया है। अधिकारियों की मानें तो ट्रेन ठीक 10.30 बजे प्लेटफार्म संख्या आठ पर हावड़ा से पहुंच गई थी। इसके बाद बिजली वालों ने लाइट ऑफ कर दिया।

ट्रेन की साफ-सफाई कर दी गई थी। बिजली का मेंटेनेंस नहीं किया गया। जबकि चार-पांच दिन पहले से पैंट्रीकार प्रबंधन द्वारा लटके बिजली के तार व आए दिन होने वाले शार्ट सर्किट की सूचना दी जा रही थी। जिस पर ध्यान नहीं दिया गया।

जांच के दौरान शार्ट सर्किट के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को दोषी पाया गया। घटना के बाद मंडल में वर्षों से तैनात रेलकर्मियों, अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। आरोपी खुद को बचाने में जुटे हैं। 

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