Janata Curfew: घर में जमकर मची धमा-चौकड़ी, बच्चों को मम्मी-पापा का मिला साथ
जनता कर्फ्यू के दिन नन्हे-मुन्नों को स्वजनों का भी साथ मिल गया। इस दौरान पापा और मम्मी के साथ बच्चों ने कैरम लूडो और क्रिकेट खेलकर दिन बिताया।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में बच्चे घरों में धमाचौकड़ी मचा रहे हैं। रविवार को जनता कर्फ्यू के दिन नन्हे-मुन्नों को स्वजनों का भी साथ मिल गया। अधिकतर कार्यालय में अवकाश रहने की वजह से रोज की अपेक्षा इतवार को घरों में जुटान ज्यादा रहा। सबका साथ मिला तो घर में धूल खा रहा कैरम और लूडो निकल आया। बाहर भले ही जनता कर्फ्यू रहा पर घर में दिनभर बच्चों की चुहलबाजी ने मम्मी-पापा के लिए परेशानी बढ़ा दी। पापा को अॉफिस के काम तो मम्मी को किचन के साथ बच्चों का भी खयाल रखना पड़ा।
न्यूज चैनल पर कार्टून रहा भारी
बच्चों के घर पर रहने से उनकी मम्मियों के चेहरे पर परेशानी साफ देखते बन रही थी। परेशानी बच्चों से नहीं बल्कि टीवी सीरियल छूटने से थी। बच्चों के पापा भी छुट्टी के दिन भी न्यूज देखने को लेकर तरसते रहे। न्यूज देखने को लेकर पापा बच्चों से कहते रहे लेकिन बच्चे तो अपना पंसदीदा कार्टून देखने के लिए घरों में हो-हल्ला करते रहे।
बच्चों के आगे बदलनी पड़ी दिनचर्या
कभी पिता की डांट तो कभी मां के गुस्से से अक्रांत बच्चे थोड़ी देर के लिए गुमसुम बैठे दिखे। बच्चों के चेहरे पर उदासी को देख कर माता-पिता भी उनके आगे नतमस्तक हो गए। नन्हें-मुन्नों की जिद के आगे उन्हें भी अपनी दिनचर्या को बदलना पड़ा।
बच्चों की जिद के आगे झुके स्वजन
इंद्रपुरी की रहने वाली रानी कहती हैं, जब मेरा पंसदीदा सीरियल आने लगा तो बेटा अर्णव कार्टून खोलकर बैठ गया। गुस्सा भी आया लेकिन बच्चों की जिद के आगे झुकना पड़ता है। घर में पिता भी इसी तरह मजबूर दिखे।
घर में रहने से टीवी व गेम खेलना हमारे लिए विकल्प बना है। रविवार और जनता कफ्र्यू के कारण पापा भी कहीं नहीं निकले। ऐसे में पढ़ाई करने के साथ टीवी पर कार्टून व मोबाइल पर गेम खेलकर अपना मन लगाते रहे।
आयुषी, छात्रा (इंद्रपुरी)
कोरोना के कारण बाहर घूमना फिरना सब बंद हो गया। ऐसे में घर से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं हो सकता। घर में मां-पापा के साथ समय बिताने और मोबाइल पर गेम खेलने के लिए इससे अच्छा क्या हो सकता है। स्कूल खुले न होने के कारण घर में ऊब लग रही है।
सुरभि, छात्रा (इंद्रपुरी)
रविवार के दिन पापा भी घर पर रहे। उन्होंने हमारे साथ जमकर मस्ती की। ऐसा मौका प्राय नहीं मिलता है। मम्मी का थोड़ा गुस्सा रहा लेकिन पापा ने हमारा साथ दिया। मोबाइल पर गेम खेलने के साथ टीवी पर कार्टून का भी आनंद उठाया।
अस्मित शर्मा छात्र, राजीव नगर
परिजनों से बातचीत
बच्चों ने दिन भर घरों में धूम मचाया। अपने पंसद के कार्टून देखने के साथ गेम खेलने में मगन रहे। स्कूल बंद होने के कारण बच्चों का घर ही मनोरंजन का स्थल बन गया है। कोरोना से बचने के लिए घर से बेहतर कुछ नहीं।
विमलेश कुमार, इंद्रपुरी
कोरोना के कारण सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बंद कर देना ठीक है। बच्चे तो बच्चे हैं, घर पर भी उन्हें मनोरंजन का साधन चाहिए। उनकी भावनाओं को देखते उनके साथ बच्चा बनना भी जरूरी है। जिससे वे कोरोना के भय से दूर रहें।
धीरज, राजीव नगर