बिहार में ये कैसी है आहट, सियासत में घुलने लगी है कहीं मिठास-कहीं कड़वाहट
बिहार में नए राजनीतिक समीकरण दिखाई दे रहे हैं। भाजपा-जदयू नेताओं के बीच तल्ख बयानबाजी के बीच सीएम नीतीश के राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से मुलाकात को लेकर चर्चा का दौर जारी है।
पटना, काजल। बिहार में राजनीति फिर से करवट ले सकती है, आसार ऐसे ही दिख रहे हैं। राज्य में भले ही एनडीए की सरकार चल रही है, लेकिन इसके प्रमुख दो बड़े घटक दलों के बीच आजकल तल्खी साफ नजर आ रही है। जहां दोनों दल के नेताओं की तरफ से अकेले चुनाव लड़ लेने की चुनौती के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से मुलाकात को लेकर भी सियासी माहौल में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पीएम की कैबिनेट में जदयू को नहीं मिली सम्मानजनक भागीदारी
माना जाता है कि दोनों दलों के बीच रिश्तों में कड़वाहट पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने के बाद मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होने के जदयू के फैसले के बाद शुरू हुई। जदयू ने सांकेतिक भागीदारी से इनकार करते हुए मंत्री पद ठुकरा दिया था, जिसके तुरंत बाद बिहार में मंत्रिपरिषद का विस्तार किया गया जिसमें बीजेपी को शामिल नहीं किया गया था।
आरएसएस की जासूसी मुद्दे ने बढ़ा दी है खटास
उसके बाद बिहार सरकार की स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस विंग ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समेत उसके 19 अनुषांगिक संगठनों के राज्य पदाधिकारियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का आदेश दिया था, जिसके खुलासे के बाद भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर संदेह व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
भाजपा एमएलसी ने जदयू पर किया तीखा हमला
भाजपा के विधान पार्षद और पार्टी के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद राय ने शनिवार को स्वयं पूछा, 'आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है?' राय ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि अभी तक बीजेपी क्यों गठबंधन का हिस्सा बनी हुई है। बीजेपी में इतना दम है कि वह अकेले ही चुनाव लड़ सकती है।'
सच्चिदानंद राय ने तो यहां तक कहा, 'मुझे तो यही समझ नहीं आ रहा कि भाजपा-जदयू का यह संबंध (रिश्ता) क्या कहलाता है?' राय ने बेबाक अंदाज में कहा कि नीतीश कुमार की सरकार बनी रहेगी। आप साथ रहें या कोई और साथ रहेगी।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। बिहार के हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए सच्चिदानंद ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व को तुंरत फैसला लेना चाहिए और बिहार के गठबंधन पर चर्चा करनी चाहिए।
जदयू नेता ने दिया करारा जवाब
इसका जवाब देते हुए जदयू नेता पवन वर्मा ने कहा कि भाजपा अगर बिहार में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है, तो लड़ ले। हम भी अपनी तैयारी कर लेंगे। पवन के मुताबिक, हम भाजपा नेताओं के लगातार बयानों से आजिज आ गए हैं। सब जदयू के खिलाफ बोल रहे हैं। उनकी बातों से उनका अहंकार झलकता है। जदयू ने बहुत बर्दाश्त किया। अब बात बर्दाश्त के बाहर हो रही है। जदयू हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
गिरिराज सिंह ने सीएम नीतीश को बताया दोषी
राय के साथ ही अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरएसएस और इससे जुड़े संगठनों की जांच के लिए इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी बताया है, इतना ही नहीं उन्होंने सीधे तौर पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर भी सवाल खड़ा किया है।
सिंह ने कहा, 'यह किसी को समझ में ही नहीं आया कि जांच कराने के आदेश देने के पीछे क्या कारण था? बिहार में जेडीयू, बीजेपी के साथ सरकार में है और संघ हमारा मातृ संगठन है।' उन्होंने कहा कि जो घटना घटी, वह काफी आपत्तिजनक थी। इस घटना से लोगों में इतना आक्रोश है कि लोग अब पूछ रहे हैं कि हम सरकार में हैं या सरकार से बाहर? हालांकि, शनिवार को यह भी कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, अब जांच के बाद ही कुछ पता चलेगा।
भाजपा ने राय को नोटिस भेजकर मांगा जवाब
इधर, अपने विधान पार्षद सच्चिदानंद राय के लगातार बयानों से नाराज भाजपा ने उन्हें नोटिस थमाया है और उनसे 10 दिन के भीतर इसका जवाब मांगा है। इसमें कहा गया है कि आप लगातार पार्टी के स्टैंड के प्रतिकूल बयान दे रहे हैं। समझाने पर भी नहीं मान रहे। इससे पार्टी संगठन व एनडीए गठबंधन की मर्यादा भंग होती है। यह अनुशासनहीनता है। बताएं कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए?
केसी त्यागी ने कहा- भाजपा के कुछ नेताओं को है छपास रोग
इधर, जेडीयू नेता केसी त्यागी बीजेपी के ऐसे नेताओं को 'छपास रोगी' (अखबार में छपने वाला) बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों को लेकर चिंता भी जता चुके हैं।
नीतीश ने सिद्दीकी से की आधे घंटे मुलाकात, कयासबाजी जारी
वहीं, रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दरभंगा दौरे के दौरान राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से उनके आवास पर आधे घंटे अकेले में मुलाकात की। नीतीश सिद्दीकी की इस मुलाकात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि ये बिहार की राजनीति में सियासी हलचल के संकेत हैं।
राबड़ी ने कहा-राजनीति ना करें, कोई किसी से भी मिल सकता है
राजद नेता सह बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पार्टी के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात पर कहा है कि इस मुलाकात को लेकर राजनीति करना ठीक नहीं है। कोई किसी से भी मुलाकात कर सकता है। किसी के घर जाने पर सभी चाय पिलाते हैं, ये कोई मुद्दा नहीं है। राजद एकजुट है, राजद टूटने वाला नहीं है।
इस बीच, राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि राजनीति में किसी से बैर नहीं होता। नीतीश के लिए महागठबंधन में 'नो एंट्री' हटाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर रघुवंश ने कहा कि बीजेपी को खदेड़ने के लिए सबको साथ आना होगा।
तो क्या...भाजपा-जदयू के बीच चल रही प्रेशर पॉलिटिक्स
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए बिहार में एनडीए की सरकार बनी रहे, इसे लेकर भाजपा-जदयू दोनों का प्रयास जारी रहेगा। दोनों में से कोई एक-दूसरे का साथ छोड़ना नहीं चाहेगा। बड़ा भाई-छोटा भाई को लेकर ये प्रेशर पॉलिटिक्स हो सकती है, क्योंकि बीजेपी ने जहां जदयू और सीएम नीतीश के खिलाफ बोलने वाले एमएलसी सच्चिदानंद राय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है वहीं जेडीयू ने भी अपने नेताओं को नियंत्रित बयान जारी करने के निर्देश जारी किए हैं।