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बिहार के औरंगाबाद में शुरू हुआ अंतरराष्‍ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव, वक्‍ताओं ने कहा- बढ़ेगा बच्‍चों का ज्ञान

बिहार में शुक्रवार से शुरू हुआ अंतरराष्‍ट्रीय बाल महोत्‍सव। इसमें फिल्‍म अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा समेत अन्‍य विशिष्‍ठ अतिथि पहुंचे हुए हैं। इसका उद्घाटन औरंगाबाद के डीएम ने किया।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 10:48 PM (IST)
बिहार के औरंगाबाद में शुरू हुआ अंतरराष्‍ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव, वक्‍ताओं ने कहा- बढ़ेगा बच्‍चों का ज्ञान
बिहार के औरंगाबाद में शुरू हुआ अंतरराष्‍ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव, वक्‍ताओं ने कहा- बढ़ेगा बच्‍चों का ज्ञान

औरंगाबाद, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव शायद ही भारत में कहीं होते हैं। बिहार में तो आज तक कभी हुआ ही नहीं। यह पहला आयोजन है। शिक्षा के साथ-साथ कला संस्कृति भी बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। दाउदनगर में अंतरराष्ट्रीय बाल फ़िल्म फेस्टिवल कराना शहर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उक्त बातें फिल्‍म अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को उद्घाटन समारोह में कहीं। विद्या निकेतन ग्रुप्स ऑफ स्कूल्स एवं धर्मवीर फिल्म एंड टेलीविजन प्रोडक्शन के संयुक्त तत्वाधान में दाउदनगर के लीला चक नवरतन चक स्थित संस्कार विद्या परिसर में अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का उद्घाटन किया गया।

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बाल फिल्‍म महोत्‍सव का उद्घाटन डीएम राहुल रंजन महिवाल ने किया। उनके साथ डाक विभाग के अधीक्षक विनय प्रसाद एवं भारत स्काउट एंड गाइड के राज्य सचिव श्रीनिवास कुमार तथा विद्या निकेतन ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीएमडी सुरेश कुमार गुप्ता मौजूद रहे।

डीएम ने कहा कि बाल फिल्मों से बच्चों को काफी फायदा होगा। बाल फिल्में सामाजिक मुद्दे पर बनायी जाती हैं। इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने पर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बच्चों को बताना है कि बाल फिल्में कैसे बनती हैं और उसका उद्देश्य क्या है। हिंदी-अंग्रेजी समेत अन्य भाषाओं में बाल फिल्में दिखायी जाएंगी। उन्‍होंने कहा क‍ि बच्चों को उच्चारण पर ध्यान देना चाहिए। हमने गोवा, मुंबई जैसे शहरों में फिल्म फेस्टिवल के बारे में देखा और सुना था।

उन्‍होंने कहा कि बाल हिंदी फिल्म से बच्चों काे भाषाई ज्ञान बढ़ेगा। हिंदी-अंग्रेजी को बच्‍चे से ठीक से सीखेंगे बाल फिल्मों को देखने से बच्चों के बोलने का तरीका बदलेगा, ज्ञान बढ़ेगा। इस बाल फिल्म महोत्सव की गूंज दूर-दूर तक जाएगी। राज्य से राष्ट्रीय स्तर तक इसकी गूंज सुनाई पड़ेगी। 

उन्‍होंने कहा कि गायन, वादन, नृत्य, एकांकी चित्रकला आदि सभी अवसर बच्चों को मिलना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि बच्चों की कला-प्रतिभा को अपने सपनों और आकांक्षाओं से जोड़ने के लिए उन पर दबाव न बनाएं। आप उनकी प्रतिभा को पहचानें और उन्हें अवसर प्रदान करें। दाउदनगर की निवर्तमान एसडीओ तनय सुल्तानिया ने कहा कि फिल्में अपनी बात को दूसरों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। आज सभी मुद्दों पर फिल्में बन रही हैं। फिल्में संदेश देती हैं।

मौके पर डाक अधीक्षक विजय कुमार, भारत स्काउट और गाइड के राज्य सचिव श्रीनिवास कुमार, डाक निरीक्षक नरेंद्र कुमार सिंह, सीएमडी सुरेश कुमार गुप्ता, सीईओ आनंद प्रकाश, फिल्म निर्देशक धर्मवीर भारती, कला प्रभा संगम के गोविंदा राज समेत अनेक लोग उपस्थित थे। अरवल की कलाकार काव्या मिश्रा ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत कर सबों का मन मोह लिया। 


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