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दारोगा हत्याकांड : 48 घंटे बाद भी नहीं मिला सुराग, हत्यारे का स्केच जारी

पुलिस को हत्या के करीब 48 घंटे बाद तक मरांची थाना के दारोगा सुरेश ठाकुर के हत्यारों का पता नहीं चल सका है। इस बीच एक संदिग्ध अपराधी का स्केच जारी किया गया है। स्केच को दूसरे जिलों और रेल थानों में भेज दिया गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 20 Apr 2016 09:43 AM (IST)Updated: Wed, 20 Apr 2016 11:10 AM (IST)

पटना। पुलिस को हत्या के करीब 48 घंटे बाद तक मरांची थाना के दारोगा सुरेश ठाकुर के हत्यारों का पता नहीं चल सका है। इस बीच एक संदिग्ध अपराधी का स्केच जारी किया गया है। स्केच को दूसरे जिलों और रेल थानों में भेज दिया गया है। पेशेवर अपराधियों के चेहरे से स्केच का मिलान कराया जा रहा है। विदित हो कि सोमवार को दारोगा सुरेश ठाकुर की हत्या अज्ञात अपराधियों ने कर दी थी।

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दिनदहाड़े दारोगा की हत्या करने और सर्विस रिवाल्वर लूटने की वारदात ने महकमे में खलबली मचा दी है। मंगलवार को सेंट्रल रेंज डीआइजी और एसएसपी मनु महाराज ने चश्मदीद बुजुर्ग से पूछताछ की, जिसके आधार पर अपराधी का स्केच तैयार किया गया। सुबह से ही पुलिस के आला अफसर बाढ़ में कैंप कर रहे हैं। पुलिस की हनक दिखाने के लिए इलाकों में फ्लैग मार्च भी निकाला गया। जेल में भी छापेमारी की गई।

बाढ़ कोर्ट से घटनास्थल के बीच वैसे सभी प्रतिष्ठानों पर दबिश दी गई, जहां सीसी कैमरे लगे थे। दो बैंक और एक ट्रैक्टर शोरूम में लगे सीसी कैमरे खंगाले गये। बैंक से तो नहीं, लेकिन शोरूम के कैमरे में दो संदिग्ध मिले। शोरूम बाढ़ कोर्ट की तरफ घटनास्थल से करीब आधा किलोमीटर पहले है।

बाइक सवार मौके से 200 मीटर पहले खड़े दिखे। दारोगा की बाइक देखकर एक युवक किनारे छिप गया और वहीं दूसरा मोबाइल पर किसी से बात करने लगा। उसने नीले रंग की शर्ट और काले रंग की पैंट पहन रखी थी। हालांकि, उनका चेहरा साफ नहीं दिख रहा है। पुलिस ने शोरूम के कैमरे का डीवीआर जब्त करके संदिग्धों का चेहरा साफ कराने की कोशिश कर रही है।

हत्या कहीं अपमान का बदला तो नहीं?

दारोगा हत्याकांड में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। माना जा रहा है कि घटना का कारण प्रतिशोध भी हो सकता है। वारदात के दिन दिनेश पासवान हत्याकांड के अभियुक्त अजय यादव की मां ने सुबह में मरांची थाने आकर दारोगा से मुलाकात की थी।

उसे जानकारी मिली थी कि पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक दारोगा ने महिला के साथ बातचीत में अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। महिला के साथ दर्जनभर ग्रामीण भी थे। कयास यह भी कि मां के अपमान का बदला लेने के लिए अजय ने दारोगा की हत्या कर दी होगी।

दारोगा अजय और उसके भाई संजय यादव से संबंधित तीन कांडों का अनुसंधान कर रहे थे। नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में संजय अभी बाढ़ जेल में कैद है। इस कांड का गवाह शेरपुर गांव निवासी दिनेश सहनी था, जिसे अजय और उसके गुर्गों ने 31 मार्च को मौत की नींद सुला दी। इस बाबत थाने में कांड संख्या 17/16 दर्ज हुआ था। इसी कांड में अभियुक्तों के खिलाफ इश्तेहार लेने के लिए दारोगा बाढ़ कोर्ट गए थे।

हिरासत में लिए गए आधा दर्जन संदिग्ध

दारोगा की हत्या से बौखलाई पुलिस ने बाढ़, अथमलगोला, पंडारक, मोकामा, एनटीपीसी सहित अन्य इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान जेल से छूटे बदमाशों के घर दबिश दी गई। पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। डीआइजी ने सभी थानाध्यक्षों को उनके क्षेत्र के अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है।

रिवाल्वर लूटने के लिए हुई हत्या!

पुलिस जहां एक ओर दारोगा सुरेश ठाकुर से जुड़े लोगों और मामलों पर पड़ताल कर रही है, वहीं दूसरी ओर यह आशंका भी जताई जा रही है कि दारोगा को सुनसान जगह पर अकेला देखकर अपराधियों ने उनकी सर्विस रिवाल्वर और गोलियां लूटने के इरादे से हत्या कर दी।

अक्सर, देखा गया है कि कोई आरोपी अपने कांड के अनुसंधानकर्ता को नुकसान नहीं पहुंचाते, क्योंकि अनुसंधानकर्ता के मारे जाने से कांड समाप्त नहीं होता, उल्टा उसपर एक और मामला दर्ज हो जाएगा।

जिस इलाके में यह वारदात हुई, हथियार रखना वहां के लोगों का शौक है। पहले भी बाढ़ और मोकामा के अपराधियों ने पुलिस और थाने से असलहे लूटे हैं। यहां कई बार लूटे गए पुलिस हथियार भी बरामद हुए हैं। इसलिए इस दिशा में अनुसंधान किया जा सकता है।


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