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मिठाई में मिलावट करने वालों की खैर नहीं, टीम तैयार

दीपावली में रंग-बिरंगी सोने-चांदी की तरह चमकती विभिन्न आकृतियों की स्वादिष्ट मिठाई बनाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 01:36 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:09 AM (IST)
मिठाई में मिलावट करने वालों की खैर नहीं, टीम तैयार

पटना सिटी। दीपावली में रंग-बिरंगी, सोने-चांदी की तरह चमकती, विभिन्न आकृतियों की स्वादिष्ट दिखने वाली मिठाइयां हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मन को लुभाने वाली मिठाइयां स्वास्थ्य के लिए कितनी बेहतर हैं? इसका पता मिठाई खाने के बाद ही पता चलाता है। तब तक देर हो चुकी होती है। मिलावटखोरों ने इस दीपावली लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने की अपनी तैयार योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस बात की भनक लगते ही स्वास्थ्य विभाग एवं खाद्य संरक्षा विभाग भी सक्रिय हो गया है। मिलावटी सामग्रियों से तैयार की जाने वाली मिठाइयों को बाजार में आने से पहले ही उसे बर्बाद करने की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है।

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स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव सह खाद्य संरक्षा विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि मिठाई में मिलावट करने वालों को सबक सिखाने के लिए विशेष टीम गठित की गयी है। टीम को फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार हिदायतें दी गयी हैं। बिहार के सभी जिलों में 14 फूड सेफ्टी ऑफिसर को मुस्तैद किया गया है। इन्हें अभी से ही क्षेत्र में घूम कर मिठाई बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों एवं तैयार मिठाई के नमूने एकत्र करने का टास्क दिया गया है। सभी नमूनों की जांच आलमगंज थाना अंतर्गत अगमकुआं स्थित प्रदेश की इकलौती खाद्य एवं औषधि जांच प्रयोगशाला में की जाएगी। यहां जांच के आवश्यक उपकरणों के साथ पर्याप्त मात्रा में रसायन उपलब्ध हैं। आवश्यकता पड़ने पर रविवार को भी नमूनों की जांच होगी। - जांच को लोगों के बीच पहुंचेगी चलंत लैब

जांच उपकरणों से लैस वाहन पर बनी चलंत लैब खाद्य सामग्रियों की जांच एवं जागरूकता के लिए लोगों के बीच पहुंचेगी। इसके लिए टीम और तारीख तय कर दी गयी है। खाद्य विश्लेषक सह नोडल पदाधिकारी डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 16 अक्टूबर को फुलवारीशरीफ, 16 अक्टूबर को नाला रोड, आर्य कुमार रोड, 22 अक्टूबर को दानापुर तकिया एवं 24 अक्टूबर को हाजीपुर वैशाली में जांच वाहन उपलब्ध रहेगा। एफएसएसएआइ द्वारा निर्धारित बेहद न्यूनतम शुल्क लेकर किसी भी खाद्य एवं पेय पदार्थ की जांच की जाएगी। चलंत लैब सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक क्षेत्र में जांच करेगी। अधिकांश सामग्रियों की जांच रिपोर्ट हाथों-हाथ मिल जाएगी। लोगों को खाने-पीने की चीजें के असली और नकली होने की पहचान बताई जाएगी।

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- नकली मिठाई में इन सामग्रियों की होती है मिलावट

स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव सह खाद्य संरक्षा विभाग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि मिठाई में नकली खोवा, पनीर, तेल, घी, बेसन, मैदा, काजू, सिथेटिक दूध, छेना, हानिकारक कृत्रिम रंग, एल्युमीनियम रहित गोल्डन व सिल्वर फॉएल का इस्तेमाल मिलावटखोरों द्वारा किया जाता है। एफएसओ की इन सामग्रियों पर पैनी नजर रहेगी।

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- स्वास्थ के लिए मिलावट घातक

मिठाई बनाने वालों ने बताया कि नकली मिठाई के लिए खोवा में शकरकंद, सिघाड़ा, मैदा, आटा, आलू, अरारोट, वनस्पति घी मिलाया जाता है। केसर की जगह भुट्टे के बाल को रंग कर डाला जाता है। दूध व मावा में सोडा, डिटरजेंट, यूरिया, चरबी तक मिलायी जाती है। डॉक्टर का कहना है कि मिलावटी मिठाई खाने का सीधा असर लीवर पर पड़ता है। पाचन शक्ति को कमजोर कर देता है। उल्टी होती है। हृदय रोग व कैंसर तक होने का डर बना रहता है। बच्चों एवं गर्भवती की सेहत को मिलावटी मिठाई से सर्वाधिक नुकसान पहुंचता है।


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