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आकार नहीं ले सकीं जनोपयोगी योजनाएं

जितेंद्र कुमार, पटना। एक दशक से चल रही कवायद के बावजूद जर्जर कलेक्ट्रेट का नया भवन आकार न

By Edited By: Published: Wed, 09 Sep 2015 02:53 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2015 02:53 AM (IST)
आकार नहीं ले सकीं जनोपयोगी योजनाएं

जितेंद्र कुमार, पटना। एक दशक से चल रही कवायद के बावजूद जर्जर कलेक्ट्रेट का नया भवन आकार नहीं ले सका। इसके साथ पटना मास्टर प्लान, बस टर्मिनल और गंगा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट सहित कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।

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शहर में कुछ परियोजनाओं का निर्माण शुरू हुआ, जिसमें इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, बिहार पुलिस भवन, दीघा से एम्स तक एलिवेटेड रोड, मीठापुर-चिरैयाटांड और करबिगहिया से मीठापुर खगौल रोड आरओबी का निर्माण पूरा नहीं हो सका। हालांकि बेली रोड फ्लाई ओवर, बिहार म्यूजियम और बिहटा में आइआइटी का लोकार्पण हो गया।

कलेक्ट्रेट भवन के लिए 2011 में 6.75 करोड़ योजना बनी, लेकिन जिला परिषद व लोक निर्माण विभाग के बीच भूमि स्वामित्व को लेकर योजना खटाई में पड़ गया। करीब 9.60 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित कलेक्ट्रेट भवन निर्माण की अब चर्चा तक नहीं हो रही। राजधानी वासियों को गंगा का पानी ट्रीटमेंट कर घर पहुंचाने के लिए 2013 में कार्य आरंभ किया गया, लेकिन निर्माण एजेंसी काम छोड़कर चलते बनी। 440 करोड़ की जनोपयोगी योजना के लिए दीघा में शिलान्यास और निर्माण कार्य आरंभ होने के बाद जमीन उपलब्धता में अड़चन के कारण काम बंद हो गया। पेयजल संकट से जूझते पटना को कब तक इंतजार करना होगा, यह कोई बताने वाला नहीं है।

बिहटा से सरमेरा पथ का निर्माण 2013 तक पूरा करना था, लेकिन कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका। दीघा से दीदारगंज तक करीब 24 किलोमीटर लंबा फोरलेन का मेरिन ड्राइव का निर्माण तो शुरू हुआ, लेकिन 2017 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य दूर हो गया है। दीघा से एम्स तक बेली रोड नहर के बीच एलिवेटेड रोड के निर्माण में अभी और वक्त लगेगा।

आर ब्लाक और हड़ताली मोड़ से ललित भवन तक फ्लाई ओवर की योजना बनी, लेकिन कार्य आरंभ नहीं हो सका। राजधानी के आधुनिक बस टर्मिनल के लिए पहाड़ी पर जमीन दी गई। योजना स्वीकृति के साथ ही निविदा भी हो गई, लेकिन मंत्रिमंडल से धन की स्वीकृति नहीं हो सकी है।

-- मास्टर प्लान का इंतजार --

पटना मास्टर प्लान के लिए चल रही कवायद के बावजूद लोगों को लागू होने का इंतजार रह गया है। शहर के नियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान से पहले बिल्डिंग बायलॉज 2014 लागू हो गया, पर प्लान की स्वीकृति अभी सरकार की जुगाड़ तकनीक पर शुरू हुई है।

-- अगले साल पूरा होगा --

गंगा किनारे करीब छह किलोमीटर लंबा रीवर फ्रंट डेवलपमेंट प्लान के तहत घाट का निर्माण 2016 तक पूरा होने की संभावना है। इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, पाटलिपुत्र सभ्यता द्वार अगले वर्ष तक पूरा हो सकेगा।

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