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बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले, 48 सेक्टर में अब मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से नहीं मिलेगा ऋण

मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना चयनित लोगों को हफ्ते भर के भीतर इस योजना के लिए तय 54 सेक्टर से अपनी पसंद चुनना होगा। पोर्टल पर इस जानकारी के 24 घंटे के भीतर एक हजार से अधिक लोगों ने विकल्प बदले

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 10:13 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 10:13 PM (IST)
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले, 48 सेक्टर में अब मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से नहीं मिलेगा ऋण
मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना पर मंत्री शाहनवाज हुसैन ने दी अहम जानकारी। जागरण

पटना, राज्य ब्यूरो। उद्योग से अलग 48 सेक्टरों में अब मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से ऋण नहीं मिलेगा। केवल 54 सेक्टर ही मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (Mukhyamantri Udyami Yojna) के तहत ऋण के लिए उपलब्ध होंगे। पहले यह संख्या 102 थी। उन सेक्टरों को इस योजना से अलग किया गया है, जिनमें मशीनरी क्रय की व्यवस्था बहुत ही कम थी।  रोजगार का सृजन विशेष रूप से नहीं हो रहा था। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Minister of Industries Shahnawaz Hussain) ने बुधवार को अपने सचिवालय स्थित कक्ष में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में यह जानकारी दी।

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24 घंटे में एक हजार से ज्‍यादा आवेदन 

उद्योग मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जिन सेक्टरों में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत ऋण दिए जाने की व्यवस्था खत्म की गई, उसके तहत चयनित लोगों को इस योजना के माध्यम से ऋण व सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें यह कहा गया है कि वे एक हफ्ते के भीतर अपने पसंद के सेक्टर को तय कर इसके लिए तय पोर्टल पर अपनी सूचना दे दें। उन्हें इस योजना के सभी लाभ मिल जाएंगे। पोर्टल पर 24 घंटे के भीतर एक हजार से अधिक लोगों ने अपने सेक्टर को बदल लिया है। 

मशीनरी से जुड़े काम को बढ़ावा 

शाहनवाज ने कहा कि कोशिश यह है कि रोजगारपरक व मशीनरी से जुड़े काम को बढ़ावा दिया जाए। जिन सेक्टर को इस योजना के लिए बंद किया गया है, उनमें ब्यूटी पार्लर, टेंट हाउस, इवेंट मैनेजमेंट व टूरिस्ट टैक्सी आदि शामिल हैं। इन सेक्टरों के लिए दूसरी योजना के तहत ऋण दिए जाने का प्रविधान है। 

विभाग की वेबसाइट पर है डीपीआर  

उद्योग मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत चयनित लोगों को प्रथम किस्त की राशि उपलब्ध कराने के लिए डीपीआर के इंतजार की जरूरत नहीं है। इसके लिए सभी सेक्टर का माडल डीपीआर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह तय किया गया है कि जो दस लाख रुपये की राशि दी जा रही है, उनमें 60 सेे 70 प्रतिशत प्लांट एवं मशीनरी पर खर्च हो। रोजगार उत्पन्न करने वाले प्रक्षेत्र टेक्सटाइल व लेदर सेक्टर पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत 1885 लोगों को प्रथम किस्त की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। 


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