बिहारः चलती ट्रेन में चिकित्सकीय सेवा लेने पर करनी होगी जेब ढीली, अब इतनी देनी होगी फीस
Indian Railway News चलती ट्रेन में चिकित्सकीय सेवा लेने वाले यात्रियों की परेशानी अब बढ़ने वाली है। जंक्शन या ट्रेन में मेडिकल सेवा के साथ दवा लेने के लिए अब यात्रियों को जेब ढीली करनी होगी। वहीं दवाओं का खर्च अलग होगा।
जासं, सिवान: चलती ट्रेन में तबीयत खराब होने पर कंट्रोल रूम में फोनकर चिकित्सकीय सेवा लेने वाले यात्रियों की परेशानी अब बढ़ने वाली है। जंक्शन या ट्रेन में मेडिकल सेवा के साथ दवा लेने के लिए अब यात्रियों को जेब ढीली करनी होगी। रेलवे ने डॉक्टर के लिए 100 रुपये कंसल्टेशन फीस तय की है, जो नकद होगी। वहीं दवाओं का खर्च अलग होगा। नए नोटिफिकेशन के बाद इस इमरजेंसी सेवा को हर तरह के बड़े-छोटे स्टेशन पर उपलब्ध कराई जाएगी। नए नियम के अनुसार अगर कोई यात्री बीमार होता है तो टीटीई इसकी सूचना कंट्रोल को देता है।
इसके बाद अगले स्टेशन पर डॉक्टर उसका इलाज करता है। इलाज के बाद स्टॉफ यात्री से 100 रुपये लेकर ईएफटी यानी एक्सेस फेयर टिकट बनाएगा और पर्ची यात्री को देगा। अगर रेलवे दुर्घटना हुई तो रेलवे की ओर से डॉक्टरी मदद मुहैया कराई जाएगी। इस स्थिति में यात्रियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और पूरा इलाज कराया जाएगा। रेलवे ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है क्योंकि अक्सर मामूली सी तबीयत खराब होने पर यात्रियों द्वारा कंट्रोल में फोन कर चिकित्सक की सेवा नजदीक के स्टेशन पर ली जाती थी। इससे रेलवे को समय के साथ साथ आर्थिक नुकसान भी होता था।
अकेले यात्रा करने वालों की बढ़ेगी परेशानी
रेलवे की इस व्यवस्था से अकेले सफर कर रहे मुसाफिरों को इलाज मिल पाना मुश्किल होगा। ऐसे में उनकी तरफ से एडवांस फीस कैसे जमा होगी। इस बारे में रेलवे ने फिलहाल कोई रास्ता नहीं निकाला है। जो अकेले यात्रा करने वालों के लिए एक तरह से परेशानी का सबब बनेगी।
नकदी में होगा लेनदेन
इलाज के बदले ली जाने वाली फीस का खर्च यात्रियों को नकद देना होगा। रेलवे ने ईएफटी पर खर्च जमा कराने की जो व्यवस्था की है, उसमें डिजिटल भुगतान या ऑनलाइन पेमेंट के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में नकदी नहीं होने पर भी मरीज को परेशानी उठानी होगी।
मेडिकल सेवा के बदले सौ रुपये फीस
वाराणसी मंडल के जनसंपर्क पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मेडिकल सेवा के बदले सौ रुपया फीस देनी होगी। जिसकी बाकायदा रसीद भी यात्रियों को दी जाएगी। दवा का भी बिल यात्रियों को स्वयं देना होगा।