Move to Jagran APP

Railway News: संभावित कोहरे को ले अभी से ही 36 ट्रेनें रद, 34 के परिचालन के दिनों में कटौती

Indian Railway News दिसंबर महीने में कुहासे का प्रकोप बढ़ जाता है। हालांकि अभी मौसम सामान्‍य है लेकिन संभावित स्थितियों के मद्देनजर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रद कर दिया है। कई के दिनों में कटौती की गई है।

By Chandra ShekharEdited By: Vyas ChandraThu, 01 Dec 2022 07:40 AM (IST)
Railway News: संभावित कोहरे को ले अभी से ही 36 ट्रेनें रद, 34 के परिचालन के दिनों में कटौती
कुहासे के मद्देनजर कई ट्रेनों का परिचालन रद। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Indian Railway News: कोहरा घना हो या नहीं रेलवे की ओर से पहली दिसंबर से ही एक तिहाई से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन रोक दिया जाता है। इस बार भी पहली दिसंबर अर्थात गुरुवार से ही पूर्व मध्य रेल की लंबी दूरी की 70 ट्रेनों का परिचालन अगले 28 फरवरी तक रद कर दिया गया है। इनमें से 36 ट्रेनों का परिचालन पूर्णत: रद कर दिया गया है जबकि 34 ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी कर चलाने की घोषणा की गई है।

अभी कोहरा घना नहीं होने के कारण कई प्रमुख ट्रेनों को इसके प्रभाव से मुक्त रखा गया है। जैसे-जैसे कोहरा घना होने लगेगा और भी ट्रेनों के परिचालन पर संकट के बादल छाने लगेंगे। पिछले साल जहां संपूर्ण क्रांति, श्रमजीवी एक्सप्रेस व मगध एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी कर दी गई थी वहीं इस साल अभी तक इसे निरस्तीकरण से मुक्त रखा गया है।

गति आधी करने से बढ़ता है ट्रैक पर दबाव 

घने कोहरे में ट्रेनों के रद किए जाने के कारणों के बारे में रेल अधिकारियों ने बताया कि घने कोहरे में ट्रेनों की गति लगभग आधी कर दी जाती है। इसके कारण रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का लोड बढ़ जाता है। ऐसा केवल उत्तर भारत की ट्रेनों के साथ ही होता है। घना कोहरे का सबसे अधिक असर आसनसोल से दिल्ली के बीच ही देखने को मिलता है। पंजाब की ओर जाने वाली ट्रेनें भी घने कोहरे के कारण काफी प्रभावित होती हैं। ऐसे में ट्रेनें काफी विलंब से चलने लगती हैं। ट्रेनों के मेंटेनेंस को लेकर इसे सप्ताह में एक दिन रद कर दी जाती है। हालांकि रेलवे की ओर से अब कई अत्याधुनिक यंत्र लगाकर घने कोहरे में भी ट्रेनों की गति को बरकरार रखने की कोशिश की गई है।

एंटी फाग डिवाइस, सिग्‍नल के पास पटाखे से हादसे की आशंका कम

घने कोहरे में सुरक्षित रेल परिचालन के लिए सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में एंटी फाग डिवाइस लगाया गया है। इस डिवाइस को इंजन में लगाया जाता है जिसपर लोको पायलट की पूरी नजर होती है। इंटरनेट से चलने वाले इस डिवाइस से लोको पायलट को हर सिग्नल की जानकारी पांच सौ मीटर पहले ही मिल जाती है। इसके कारण कोई भी लोको पायलट घने कोहरे में भी सिग्‍नल जंप नहीं कर सकता है। इसके साथ ही रेलवे की ओर से घने कोहरे के दौरान ट्रेनों की गति को 130 किमी प्रति घंटे से घटाकर 75 किमी प्रति घंटे कर दी जाती है। इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम जाती है। इतना ही नहीं एहतियात के तौर पर रेलवे की ओर से सभी सिग्‍नल के पास केबिन मैन द्वारा ट्रेनों के गुजरते समय पटाखा जलाकर लोको पायलट को सतर्क कर दिया जाता है। इसके साथ ही कई ट्रेनों को रद कर ट्रैक लोड को कम करने की कोशिश की जाती है।