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राज्य के 103 सीबीएसई स्कूलों में प्रायोगिक लैब ही नहीं

पटना। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के शत-प्रतिशत स्कूलों में प्रायोगिक लैब नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 08:13 PM (IST)
राज्य के 103 सीबीएसई स्कूलों में प्रायोगिक लैब ही नहीं
राज्य के 103 सीबीएसई स्कूलों में प्रायोगिक लैब ही नहीं

पटना। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के शत-प्रतिशत स्कूलों में प्रायोगिक लैब नहीं हैं। जबकि किसी भी स्कूल की मान्यता में प्रायोगिक कक्षाएं व लैब की मौजूदगी मानकों में शामिल हैं। सीबीएसई मुख्यालय से प्रायोगिक लैब के बारे में मांगी गई जानकारी से स्कूलों में लैब के रहस्य से पर्दा उठ गया है। इस अहम तथ्य के उजागर होते ही सीबीएसई के अधिकारियों में बेचैनी है। बीते जून महीने में सीबीएसई ने राज्य के सभी स्कूलों को पत्र लिखकर प्रायोगिक कक्षा, लैब, लैब शिक्षक और लैब में बैठने व प्रयोग करने के स्थान आदि की जानकारी मांगी थी। वर्तमान में बिहार में सीबीएसई के 892 स्कूल हैं। इनमें से 103 स्कूलों ने विद्यालय में लैब नहीं होने की जानकारी दी है। लैब की अनुपलब्धता की आई रिपोर्ट से हड़कंप मच गया है।

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नहीं होगा होम सेंटर, दूसरे स्कूल में होगी प्रायोगिक परीक्षा

सीबीएसई की ओर से वर्ष 2020 से 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा के लिए होम सेंटर की व्यवस्था नहीं की जाएगी। अब छात्रों को दूसरे स्कूलों में आयोजित होने वाली प्रायोगिक परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ेगा। इसके लिए जल्द सीबीएसई की ओर से तिथि निर्धारित की जाएगी। सत्र 2020 से 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा से पहले प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। सीबीएसई के इस कदम से काफी हद तक फर्जीवाड़ा रुकेगा। साथ ही मेहनती व मेधावी छात्रों की पहचान हो सकेगी।

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फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाए गए कदम

जानकारों की मानें तो प्रायोगिक परीक्षा को लेकर स्कूलों की ओर से फर्जीवाड़ा किया जाता था। वर्ष 2019 में प्रायोगिक परीक्षा कराने के लिए पहुंचे वीक्षकों ने भी इसकी शिकायत की थी। यह भी सामने आया कि बड़ी संख्या में छात्र सीबीएसई स्कूलों में नामांकन लेकर मेडिकल व इंजीनियरिग की तैयारी के लिए दिल्ली, कोटा आदि शहरों में कोचिंग ज्वॉइन कर लेते हैं। इसके एवज में स्कूलों की ओर से मोटी राशि वसूली जाती है।

कोट-

सीबीएसई की ओर से स्कूलों के निरीक्षण के बाद ही मान्यता प्रदान की जाती है। इसमें बगैर प्रायोगिक लैब के मान्यता नहीं दी जा सकती है। अगर ऐसा हुआ है, तो निश्चित रूप से कहीं न कहीं फर्जीवाड़ा किया गया है।

-डॉ. राजीव रंजन, नगर समन्वयक, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन


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