पीएमसीएच में हड़ताल से टालने पड़े 40 से अधिक ऑपरेशन
पटना। बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार की सुबह आठ बजे पटना मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल रही।
पटना। बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार की सुबह आठ बजे पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) एवं नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) सहित राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी सेवा प्रभावित हुई। पीएमसीएच में सोमवार को ओपीडी में 1921 मरीजों का इलाज हुआ। जबकि सामान्यत: 2500 से 3000 मरीज रोजाना आते हैं। वहीं इमरजेंसी में सोमवार को 380 मरीजों का इलाज किया गया, जबकि प्राय: यहां 500 के आसपास मरीज आते हैं। पीएमसीएच में हड़ताल की वजह से 40 से अधिक ऑपरेशन टालने पड़े। सामान्यत: पीएमसीएच में 60 से 70 ऑपरेशन होते हैं, लेकिन सोमवार को हड़ताल के कारण कुल 27 ऑपरेशन हो पाए। हालांकि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान अस्पताल के सीनियर डॉक्टर मरीजों का इलाज करते रहे। विभाग हुआ सक्रिय तो टूटी हड़ताल
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग तत्काल सक्रिय हुआ और वार्ता के लिए जूनियर डॉक्टरों को प्रधान सचिव संजय कुमार ने सचिवालय बुलाया। सचिवालय में प्रधान सचिव व जूनियर डॉक्टरों के बीच वार्ता में डॉक्टरों की मांग पर विचार करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी गठित करने पर सहमति बनी। कमेटी जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगों पर विचार करने के उपरांत पांच अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर, पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी व अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद, एनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता, जेडीए संयोजक डॉ. रवि रंजन रमण एवं पीएमसीएच के जेडीए अध्यक्ष डॉ. शंकर भारती को शामिल किया गया है। वार्ता के बाद जूनियर डॉक्टर शाम पांच बजे से काम पर जुट गए। हड़ताल खत्म हो जाने से मरीजों ने राहत की सांस ली। हड़ताल के दौरान जारी रहा मरीजों का पलायन
पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी हुई। वैशाली के जंदाहा से आए पशु पतिनाथ राय अस्पताल में सही इलाज न मिलने से पीएमसीएच से निजी अस्पताल चले गए। उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में न तो सही तरीके से इलाज किया जा रहा और न ही साफ-सफाई है। यहां रखने पर मरीज व बीमार हो जाएगा। पशुपतिनाथ राय रविवार की रात में पीएमसीएच की इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। वे अचानक बेहोश हो गए तो परिजन स्थानीय चिकित्सकों से दिखाया था, लेकिन कोई सुधार न होने पर मरीज को लेकर पीएमसीएच चले आए। लेकिन यहां भी सही इलाज नहीं होने पर निजी चिकित्सक के पास ले गए। वहीं 60 वर्षीय बुजुर्ग माधुरी देवी के परिजन भी अस्पताल में डॉक्टरों को न देखने पर निजी चिकित्सक के पास ले गए। माधुरी देवी का हाथ टूट गया है। दर्द से महिला काफी परेशान थी, लेकिन चिकित्सकों ने मरीज को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद परिजन मरीज को लेकर निजी अस्पताल में चले गए। इसी तरह कई मरीज पीएमसीएच की इमरजेंसी एवं विभिन्न वार्डो से दूसरे अस्पतालों में पलायन कर गए।
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जेडीए डॉक्टर करते रहे नारेबाजी
हड़ताल के दौरान पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों का एक गुट दिनभर नारेबाजी करता रहा। जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों के समर्थन नारा लगा रहे थे। वे बैनर व पोस्टर लगाकर टाटा वार्ड के पास अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।