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बिहार का एक एेसा स्कूल, जहां बच्चे मैदान में बैठकर नौवीं-दसवीं की परीक्षा देते हैं

गोपालगंज जिले में सरकारी स्कूलों का हाल एेसा है कि बच्चे खुले मैदान में बैठकर पढ़ाई करते हैं और इतना ही नहीं, बच्चे परीक्षा भी एेसे ही देते हैं क्योंकि स्कूलों के पास भवन नहीं है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 03:09 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 04:40 PM (IST)
बिहार का एक एेसा स्कूल, जहां बच्चे मैदान में बैठकर नौवीं-दसवीं की परीक्षा देते हैं
बिहार का एक एेसा स्कूल, जहां बच्चे मैदान में बैठकर नौवीं-दसवीं की परीक्षा देते हैं

पटना [जेएनएन]। कुछ तस्वीरें एेसी होती हैं जो आपको सोचने पर जरूर मजबूर कर सकती हैं। एेसी ही एक तस्वीर है गोपालगंज जिले सरकारी मिडिल स्कूलों की, जिन्हें उत्क्रमित कर अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन यहां बच्चों को बुनियादी सुविधाओं का नितांत अभाव है।

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इन स्कूलों के बच्चे खुले मैदान में बैठकर अपनी पढ़ाई करते हैं और परीक्षा देते हैं। स्थिति यह है कि इन सरकारी स्कूलों के बच्चे अपनी मैट्रिक की सेंटअप की परीक्षा भी खुले आसमान के नीचे बैठकर दे रहे हैं।

अब बात करते हैं, गोपालगंज के सदर प्रखंड के अपग्रेड हाई स्कूल, बरईपट्टी की। इस स्कूल में मिडिल और हाई स्कूल दोनों क्लास के बच्चे पढ़ते है। यहां हाई स्कूल के नाम पर चार कमरे हैं और यहां करीब 200 बच्चे हैं, जो नौंवी और दसवी क्लास में पढ़ते है। क्लास रूम के आभाव में उन्हें सालों भर खुले आसमान के नीचे मैदान में बैठकर ही पढना पड़ता है।

सेंट अप की परीक्षा भी होती है खुले मैदान में 

इधर, बरईपट्टी स्कूल में बच्चे मेट्रिक की सेंटअप परीक्षा का एग्जाम दे रहें है। इस सेंटअप परीक्षा में पास करने वाले बच्चे ही 2018 में होने वाली मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगे। लेकिन बरईपट्टी स्थित इस अपग्रेड हाई स्कूल में बच्चे जिस हालत में परीक्षा दे रहे हैं उस से जाहिर है कि इन नौनिहालों से हमें कितनी उम्मीद करनी चाहिए।

बैठने के लिए घर से बच्चे लाते हैं बोरा

स्कूल की दसवीं की छात्रा प्रिया कुमारी ने बताया कि स्कूल में सालों भर ऐसे ही खुले आसमान के नीचे और जमीन पर पढ़ाई होती है। यहीं नहीं, बच्चों को अपने घर से ही बैठने के लिए बोरे और टाट लेकर आना पडता है। स्कूल में सुविधा नाम पर कोई साधन नहीं है।

स्कूल को ना टेबल बेंच ना ही कमरा नसीब है

स्कूल के प्रभारी प्राचार्य नवनीत कुमार मिश्रा ने बताया कि इस स्कूल को 5 साल पहले ही हाई स्कूल में अपग्रेड किया गया था। पर अब तक इस स्कूल को टेबल बेंच तक नसीब नहीं हुआ है। इसे लेकर डीएम से डीडीसी और विभाग के आला पदाधिकारियों तक गुहार लगा चुके है लेकिन कोई आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है।


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