मिशन 2019: अमित शाह ने बिहार के लिए भी शुरू कर दी है तैयारी, जानिए प्लान
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिहार भाजपा के नेताओं के साथ बैठक की। इसमें लोकसभा चुनाव की तैयारी की चर्चा की गई। जल्द ही अमित शाह बिहार आएंगे।
पटना [जेएनएन]। गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की बिहार इकाई के कोर ग्रुप के नेताओं के साथ बैठक की। यह भाजपा के जदयू के साथ गठजोड़ कर नीतीश कुमार सरकार में शामिल होने के बाद इस तरह की पहली बैठक थी।
सूत्रों ने बताया कि शाह ने प्रदेश के नेताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सरकारी योजनाएं अपने लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचें। समझा जाता है कि उन्होंने उनसे कहा कि राज्य सरकार में भाजपा के मंत्री पटना में पार्टी मुख्यालय में सोमवार और मंगलवार को आम लोगों से मिलें।
बैठक के बाद शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह बैठक पार्टी संगठन और सरकार से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रही। हमने राज्य में पार्टी को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि भाजपा की यह बैठक जदयू के भविष्य की उस मांग के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है, जिसमें एनडीए में शामिल जदयू लोकसभा चुनाव में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की पेशकश कर सकती है। अंदर की खबरों की मानें, तो भाजपा का एक विंग अभी से ही राज्यों में सीटों के आंकलन में जुट गया है और वह जब अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौपेंगा, उसके बाद ही सीटों के बंटवारे की बात तय होगी।
बिहार में भाजपा की रणनीति शुरू
भाजपा की प्रदेश ईकाइ में चर्चा है कि कई ऐसे सांसद और विधायक हैं, जो 2019 लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इनमें से वैसे लोग ज्यादा होंगे, जिनका अपने दल के नेतृत्व से मोहभंग हो चुका है।अमित शाह सबसे पहले बिहार में राजद और कांग्रेस के बचे-खुचे जातीय समीकरण को धराशायी करना चाहते हैं।
जदयू के एनडीए में शामिल होने के बाद भाजपा की यह पहली महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक थी। माना जा रहा है नीतीश के आने से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बिहार में सीधा फायदा होगा। नीतीश के पाला बदलने से विपक्ष की एकता को भी करारा झटका लगा है।
आसान नहीं होगा इस बार के चुनाव में सीटों का बंटवारा
साल 2014 लोकसभा चुनावों में एनडीए के खाते में 31 सीटें आयीं. यूपीए के खाते में 6 सीट आयीं, जबकि जदयू ने मात्र दो सीट जीता। यह तब की बात है, जब नीतीश लालू और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।विधानसभा चुनाव में पिछली गलती से सबक लेकर तीनों महागठबंधन में लड़े और 243 में से 178 सीट हासिल की।
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2009 के लोकसभा चुनाव में जब नीतीश और बीजेपी साथ मिलकर लड़ रहे थे, तब भी 32 सीट हासिल की थीं।भाजपा की नजर अब 40 की 40 सीटों पर है। इस बीच आज जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा है कि 'बिहार में एनडीए सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। फिलहाल, यह तय है कि सीटों का बंटवारा इतना आसान नहीं होगा।
2009 से अलग होगा 2019 का लोकसभा चुनाव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेडीयू और बीजेपी के बीच 2009 लोकसभा चुनाव के बंटवारे का फॉर्मूला अब 2019 में ठीक उल्टा हो जाएगा। 2009 में जेडीयू ने 25 और बीजेपी ने 15 सीटें लड़ी थी। ऐसा माना जा रहा है कि अब जेडीयू को कम सीटों पर संतोष करना होगा। जेडीयू के खाते में 9-12 सीटें, लोजपा के खाते में 4,रालोसपा को 2 सीटें बांटने को लेकर मंथन कर रही है।
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अमित शाह हैं आज झारखंड दौरे पर
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज झारखंड दौरे पर हैं। सुबह ही वो झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे, जहां उनका स्वागत झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की।
बिहार दौरे पर आएंगे अमित शाह
अक्टूबर के अंत या फिर नवंबर से शुरू में अमित शाह बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर होंगे तो विभिन्न वर्गो की कई बैठकें कर संगठन में जान फूंकने की कोशिश करेंगे। जातीय समीकरण की उलझी सियासत को देखते हुए भाजपा के हर मोर्चे को हर महीने का कड़ा टास्क सौंपा जाएगा। बूथ स्तर पर संगठन मजबूत कर सहयोगियों के साथ लोक सभा और विधान सभा चुनाव के लिए सीटों का फॉर्मूला तैयार किया जाएगा।