बिहार में पुलिसवालों ने मजदूरों को जमकर पिलाई थी शराब, जानिए वजह
दो दिन से पड़े शव से बदबू आ रही थी तो मजदूरों ने शव उठाने से मना कर दिया। पुलिसकर्मियों ने मजदूरों को शराब पिलाई और फिर मजदूरों ने शव उठाया। एेसे पुलिसवालों पर कार्रवाई की गई है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में शराब पर कड़ा प्रतिबंध लगाया गया है। पुलिस को यह जिम्मेवारी दी गई है कि यहां शराब न तो बिकने दे और न ही किसी को पीने दें? लेकिन जब पुलिसवाले ही शराब उपलब्ध कराए तो आप क्या कहेंगे?
दरअसल, बिहार के नवादा के नथनपुरा इलाके में रेलवे ट्रैक पर पड़े एक शव को उठवाने के लिए पुलिस ने मजदूरों को शराब उपलब्ध कराई और जमकर शराब पिलाई, इसे मजदूरों ने स्वीकार किया है। जिस शव को उठाने के लिए पुलिस को एेसा करना पड़ा उस मृतक महिला की पहचान रंजीत डोम की पत्नी गुड़िया देवी के रूप में की गई थी।
ग्रामीणों ने गुड़िया की मौत और उसके शव से उठ रही दुर्गंध की सूचना जब पुलिस को मिली तो शव को उठवाने के लिए पहुंची पुलिस अपने साथ मजदूरों को ले गई। दो दिनों से पड़े शव से बदबू आने के कारण मजदूर शव उठाने में आनाकानी कर रहे थे।
ऐसे में पुलिस ने शव उठवाने के लिए मजदूरों को शराब उपलब्ध कराई और पिलाई, फिर नशे में झूमते मजदूरों ने शव को बांस में बांधकर कंधे पर उठा लिया और अस्पताल पहुंचाया। उधर मामले की सूचना जब पटना पुलिस हेडक्वाटर को मिली तो तुरत इसका संज्ञान लेते हुए तुरंत एक्शन भी हो गया।
आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में मजदूरों का बयान चौंकाने वाला है। मजदूरों ने कहा कि पुलिस ने ही तीन पाउच शराब उपलब्ध कराई थी।
इस मामले में राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल ने बताया कि मामले में कादिरगंज ओपी प्रभारी रणविजय कुमार और दारोगा रामविनय शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। सूचना देने वाले दो चौकीदारों को निलंबित करने की अनुशंसा नवादा के जिलाधिकारी से की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना अमानवीय है। इसे सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।