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बिहार: NDA का थम नहीं रहा विवाद, लालू के आंगन में मचा है घमासान

बिहार में एक तरफ जहां लालू के बेटे तेजप्रताप यादव ने तलाक की अर्जी देकर परिवार में तनाव बढ़ा दिया है, तो वहीं एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर परेशानियां बढ़ गईं हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 07:24 PM (IST)
बिहार: NDA का थम नहीं रहा विवाद, लालू के आंगन में मचा है घमासान
बिहार: NDA का थम नहीं रहा विवाद, लालू के आंगन में मचा है घमासान

पटना [जेेएनएन]। लालू परिवार के आंगन में घमासान मचा है। लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक के लिए पटना सिविल कोर्ट में अर्जी दी है। दोनों की इसी वर्ष 12 मई को शादी हुई थी। ऐश्वर्या राय प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पौत्री और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की पुत्री हैं।

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दिल्ली विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर चुकी ऐश्वर्या राय को तेज प्रताप की मां राबड़ी देवी और बड़ी बहन मीसा भारती ने अपनी पसंद से घर की बहू बनाने की रजामंदी दी थी। लालू प्रसाद तब चारा घोटाले के मामले में रांची जेल में बंद थे।

राबड़ी की पसंद पर बाद में उन्होंने भी रजामंदी दे दी थी। तमाम तरह की मुश्किलों में घिरा राजद प्रमुख लालू प्रसाद का परिवार अबकी पारिवारिक विवादों में कुछ इस तरह घिर गया है कि उनके राजनीतिक विरोधियों को भी तंज कसने से परहेज नहीं है। वैसे लालू परिवार में ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिश हो रही है। मगर तेज प्रताप ने सबकी बातों को अनसुना कर दिया है। उसे ऐश्वर्या राय से तलाक से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

तेज प्रताप ने याचिका में ऐश्वर्या पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है और कहा है कि अब वह साथ नहीं रहना चाहते हैं। तेज प्रताप ने अपने परिवार से भी दूरी बना रखी है। दीपावली में भी तेज प्रताप ने परिवार से दूर रहना मुनासिब समझा। यहां तक कि मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए वह वाराणसी, मथुरा व वृंदावन तक ठिकाना बदल रहे हैं।

बिहार एनडीए में थम नहीं रहा विवाद

बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। भले ही अमित शाह और नीतीश कुमार ने भाजपा-जदयू के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन एनडीए के घटक दल रालोसपा और लोजपा को यह सीट शेयरिंग पच नहीं रहा।

रालोसपा प्रमुख व केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा इस सीट शेयरिंग को लेकर पहले से नाराज चल रहे हैं तो वहीं लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान भले ही मौन हों पर उनके छोटे भाई व प्रदेश लोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने स्पष्ट तौर पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि बिहार एनडीए में किसी के साथ नाइंसाफी नहीं हो।

वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीट शेयरिंग के बाद से चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। उन्होंने कहा है कि बिहार में एनडीए की जबर्दस्त जीत होगी। हम नहीं चाहेंगे कि 40 में से एक भी सीट हारें।

उन्होंने कहा है कि मुङो पहले से ही मालूम था कि भाजपा और जदयू समान सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन यह बात मैंने अपनी पार्टी के नेताओं से भी नहीं कही थी। लोग तरह-तरह के अटकल लगा रहे थे। नीतीश कुमार से नाराज चल रहे कुशवाहा ने कहा है कि एनडीए में राजनीतिक दल की हैसियत और ताकत के हिसाब से सीटों का बंटवारा होना चाहिए।

‘बिहारी बाबू’ को हैसियत दिखाएगी भाजपा

‘बिहारी बाबू’ के रूप में मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा से भाजपा की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। बिहार में भाजपा ‘बिहारी बाबू’ को उनकी हैसियत दिखाने में जुट गई है। हाल में बिहार भाजपा के कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शत्रुघ्न सिन्हा पर तीखा प्रहार किया है।

उन्होंने कहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा ने लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न्) चुन लिया है, चुनाव में उन्हें अपनी औकात का पता चल जाएगा। मैं उन्हें चुनौती देता हूं। जनता उनसे बदला लेने की तैयारी में है। दरअसल दुर्गा पूजा पर शत्रुघ्न सिन्हा विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ एक ही गाड़ी में घूमते नजर आए थे और लालू परिवार की तारीफ में भी कभी पीछे नहीं रहते हैं।

वहीं वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला करने का कोई मौका नहीं गंवाते हैं। सुशील मोदी ने कहा है कि आगामी चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा लालटेन लेकर घूमें, उन्हें अपनी औकात का पता चल जाएगा। वैसे भाजपा की नाराजगी से बेपरवाह शत्रुघ्न सिन्हा अपनी ही धुन में मग्न हैं।

दागदार है बिहार कांग्रेस की वर्किग कमेटी

बिहार कांग्रेस की नई वर्किंग कमेटी में कुछ विवादित नामों के शामिल रहने से पार्टी के वरिष्ठ नेता भी दंग हैं। यूं कह लें कि बिहार कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में कई आरोपित नेता शरीक हो गए हैं। इससे पार्टी में ही नहीं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है। दिलचस्प यह कि इस कमेटी में विवादित नामों में एक नेता चार्जशीटेड है तो दूसरा अनुशासनहीनता का हाल में ही एक बार फिर दोषी पाया गया है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कुछ माह पहले प्रदेश में यौन उत्पीड़न का एक हाइप्रोफाइल मामला सामने आया था जिसमें कांग्रेस के एक नेता पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। पटना हाई कोर्ट से इस नेता को जमानत नहीं मिली थी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बेल दे दिया है।

पार्टी कार्यक्रमों में और वरिष्ठ नेताओं के साथ इनकी मौजूदगी को पार्टी के अंदर ही बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखा जा रहा। वहीं करीब दो माह पूर्व एक कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं के साथ हाथापाई और अभद्र व्यवहार करने वाले एक अन्य नेता भी वर्किंग कमेटी में शामिल कर लिए गए हैं।


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