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Bihar Flood: कोसी ने धरा विकराल रूप; 31 की डूबने से मौत, जायजा लेने पहुंचे नेताओं की पिटाई

बिहार में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होती जा रही है कोसी नदी ने अब विकराल रूप ले लिया है। कई गांवों में नदियों के तटबंध टूटने से 29 लोगों की मौत हो गई है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 11:12 AM (IST)
Bihar Flood: कोसी ने धरा विकराल रूप; 31 की डूबने से मौत, जायजा लेने पहुंचे नेताओं की पिटाई

जागरण टीम, पटना। उफनाई नदियों का पानी उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिलों के गांव और शहर में घुसकर कहर ढा रहा है। बिहार के कई जिलों में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। नेपाल से सटे राज्य के सीमावर्ती इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जानलेवा रूप ले लिया है। बिहार में बाढ़ से अब तक 31 लोगों की मौत हुई है। बाढ़ से 13 जिले प्रभावित हैं। राहत और बचाव में विलंब की वजह से रोष भी है। लोगोंका गुस्‍सा जनप्रतिनिधियों पर निकल रहा है।
सीतामढ़ी में बाढ़ से स्थिति हुई और गंभीर
सीतामढ़ी जिले में बागमती, लखनदेई, लाल बकेया और अधवारा समूह की नदियों का कहर लगातार जारी है। सीतामढ़ी शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है। शहर के पुनौरा धाम मंदिर चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है। विभिन्न स्थानों पर आठ लोग डूब गए हैं, चार के शव मिले हैं। जिले के बैरगनिया, सुप्पी, सोनबरसा, परिहार, सुरसंड, बथनाहा, रीगा, मेजरगंज, बेलसंड, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड और परसौनी के इलाकों में बाढ़ का कहर जारी रहा। लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है। लोग हाईवे, प्रमुख सड़क, स्कूल और रेलवे पटरी पर तम्बू लगा कर जैसे-तैसे रह रहे हैं। सैकड़ों की आबादी बाढ़ के पानी में घिरी हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित निकाल ऊंचे स्थान पर पहुंचाने में लगी है।
शिवहर, पूर्वी चंपारण और पड़ोसी देश नेपाल से सड़क संपर्क भंग हैं। सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड पर चैनपुर के पास धंसे पटरी को ठीक कर लिया गया है। मालवाहक ट्रेन का परिचालन कराया गया है।

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मोतिहारी में नदियों में उफान, बांध टूटा
वहीं, मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में तीन से चार फीट की कमी आने से औराई व कटरा प्रखंड में बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है। अबतक कई गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग है। सिकटा में बाढ़ से दो लोगों की मौत होने की सूचना है। मोतिहारी की सभी नदियां उफान पर हैं। जलस्तर में वृद्धि के बाद सुगौली में सिकरहना नदी पर बने रिंग बांध तीन जगहों पर सोमवार की सुबह टूट गया। दर्जनों गांवों में पानी फैल रहा है। इधर बंजरिया व तुरकौलिया प्रखंड में सात बच्चे डूब गए, जिसमें दो को बचा लिया गया, जबकि पांच की मौत हो गई।
मधुबनी में स्थिति भयावह
वहीं, मधुबनी में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी भयावह रही। कमला बलान, कोसी व अन्य नदियों के जलस्तर में तेजी है। झंझारपुर में तीन जगह बांध टूट जाने के बाद पानी प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ रहा है। कोसी मुख्य नहर सोमवार को दो जगह टूट गया। दो अलग-अलग गांवों में तीन लोग डूब गए, एक लापता है। दो का शव बरामद कर लिया गया है। दरभंगा में कमला नदी का तटबंध टूटने के बाद सोमवार को जिले के नए हिस्सों को भी बाढ़ के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया।
मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के संगम घाट इलाके में बूढ़ी गंडक नदी के समीप सोमवार की सुबह कोल्हुआ मन इलाके की सिमरन कुमारी (9) और सुहानी कुमारी (10) डूब गईं।

कोसी-सीमांचल की नदियों में घट रहा पानी, आठ डूबे
कोसी-सीमांचल क्षेत्र में सोमवार को बारिश रुकने से बाढ़ प्रभावित इलाकों को राहत मिली है। कोसी समेत अन्य छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने पूर्णिया प्रमंडल के चार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इधर, डूबने से कोसी-सीमांचल में आठ लोगों की मौत हुई है। अररिया में चार, सुपौल में दो जबकि मधेपुरा और किशनगंज में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हुई है।
पूर्णिया में परमान और कनकई का जलस्तर सामान्य बना हुआ है। महानंदा के जलस्तर में थोड़ी वृद्धि हुई है। प्रभावित लोग अभी भी ऊंचे स्थल पर शरण लिए हुए हैं। सुपौल में कोसी का डिस्चार्ज कम होता जा रहा है। जलस्तर घटने से कोसी तटबंध के अंदर के गांवों में भी पानी घटने लगा है।
सहरसा में नवहट्टा के केदली व महिषी के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। लोग विस्थापित होकर तटबंध पर शरण ले रहे हैं। फारबिसगंज, नरपतगंज, जोगबनी, फुलकाहा आदि थाना क्षेत्रों में परमान व उसकी सहयोगी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। सीओ-बीडीओ कार्यालय व जोगबनी को जोडऩे वाली स्टेट हाईवे बाढ़ के पानी में डूब चुकी है। सभी प्रखंडों में बाढ़ की समस्या यथावत बनी हुई है। जिले की 40 पंचायतें जलमग्न हैं।
खगडिय़ा में कोसी, कमला और बागमती उफान पर है। अलौली प्रखंड मुख्यालय से आठ किमी दूर चेराखेरा पंचायत में रविवार की रात कमला-बागमती का पानी आना शुरू हुआ और सुबह होते-होते सात गांव बाढ़ के पानी से घिर गया।  त्राहिमाम की स्थिति है। आवागमन के सारे रास्ते बंद हैं। बागमती और कमला दोनों का पानी गांव में कहर ढा रहा है, मगर एक भी अधिकारी झांकने तक नहीं आए हैं।
रविवार को कई जिलों में टूटे थे तटबंध
इसके पहले रविवार की सुबह मधुबनी में सात और दरभंगा में चार जगहों पर तटबंध टूट गए थे। इससे दर्जनों गांवों में पानी घुस गया। बिहार के जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर है, उनमें अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी जिला शामिल हैं। प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम लगातार जारी है। लोग प्रभावित इलाकों से निकल कर सड़कों पर शरण लिए हैं।

सुपौल में डरा रही कोसी, आधी रात घरों में घुसा पानी
सुपौल में कोसी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आधी रात को घरों में पानी घुसने से तटबंध के अंदर के गांवों में अफरा-तफरी मच गई। किसी का घर बह गया तो किसी के मवेशी बह गए। पूर्वी तटबंध के 33.90 किमी स्पर के ऊपर से पानी बह रहा है। यह स्पर एनएच 57 से बिलकुल सटा है।
कोसी के आक्रामक रुख के कारण तटबंध के दर्जनों बिंदुओं पर दबाव बना हुआ है। अररिया शहर के लगभग 10 हजार लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। अररिया जिला परिसदन, डीटीओ, भवन निर्माण व लघु सिंचाई विभाग कार्यालय बाढ़ के पानी में डूब गया है। किशनगंज की नदियों के जलस्तर में अब आंशिक रूप से कमी आने लगी है। महानंदा का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर ऊपर है। 

एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश रविवार को थोड़ी थमी, लेकिन कोसी-सीमांचल के लोगों की मुसीबत शुरू हो गई है। सुपौल से कोसी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। शनिवार रात को कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोले जाने के कारण सुपौल-सहरसा के लगभग 12 दर्जन गांव जलमग्न हो गए थे। अब सुपौल-सहरसा में तो कोसी घट रही है, लेकिन बराज से निकला पानी कटिहार में कोसी के जलस्तर को बढ़ा रहा है। जिन गांवों में पानी घुस गया है, वहां के लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में बाहर निकल रहे हैं।  

भागलपुर के नवगछिया में कटाव  
नेपाल के कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद नवगछिया अनुमंडल के कोसी तटवर्ती गांवों में जलप्रलय की आशंका बढ़ गई है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि से खरीक और बिहपुर प्रखंड के आधे दर्जन से अधिक गांवों में भीषण कटाव शुरू हो गया है। गांवों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। यह देख गांवों से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। अपने-अपने घरों से सामान निकाल कर दर्जनों परिवार सुरक्षित स्थान की तरफ निकल पड़े हैं। 

मधुबनी में सांसद की पिटाई
झंझारपुर सांसद रामप्रीत मंडल को नरुआर गांव में विरोध का सामना करना पड़ा। दरअसल सांसद कमला बलान नदी के बांध टूटने की सूचना पर लोगों का हाल जानने पहुंचे थे। वह हाल-चाल जानने के बाद वापस आने लगे थे।

उन्होंने लोगों को बचाने के लिए किसी तरह की कोई रेस्कयू ऑपरेशन चलाने का कोई आश्वासन नहीं दिया। इस पर उन्हें आक्रोशित ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। किसी तरह सांसद को बचाया गया और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। 

अररिया में बाढ़ पीड़ितों ने सांसद को घेरा
फारबिसगंज प्रखंड मुख्यालय पर लाठी डंडे से लैस बाढ़ पीड़ितों ने सांसद को रविवार शाम घेर लिया। लोगों ने बाढ़ राहत सामग्री पीड़ितों तक नहीं पहुंचने का आरोप लगाया और सांसद को जमकर खरी खोटी सुनाई। 
गुस्साए पीड़ितों ने कहा क्या हम इसलिए वोट देते हैं क्या? हमारे साथ चलकर देखिए कि बाढ़ से हमारा कितना बुरा हाल है। इसके बाद सांसद ने पीड़ितों के दबाव में प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने सरकारी स्तर पर जल्द से जल्द हर संभव मदद का भरोसा दिया।

 

सीएम नीतीश ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा
बाढ़ की समीक्षा करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया और  हवाई दौरा करने के बाद राहत और बचाव के काम में तेजी लाने का निर्देश जारी किया था। सीएम नीतीश ने शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, मघुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर का हवाई सर्वे किया। इस दौरान सीएम के साथ जल संसाधन मंत्री भी मौजूद थे। बिहार में बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी लगी है।


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