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बिहार में जल्द निकलेंगी 32000 शिक्षकों की भर्तियां, बनना चाहते हैं टीचर तो रहिए तैयार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के हाई स्कूलों में खाली पड़े 32 हजार शिक्षकों के पद जल्द भरे जाएंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 09:05 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 10:18 PM (IST)
बिहार में जल्द निकलेंगी 32000 शिक्षकों की भर्तियां, बनना चाहते हैं टीचर तो रहिए तैयार
बिहार में जल्द निकलेंगी 32000 शिक्षकों की भर्तियां, बनना चाहते हैं टीचर तो रहिए तैयार

पटना, जेएनएन। बिहार के हाईस्कूलों में खाली पड़े 32 हजार शिक्षकों के पद जल्द भरे जाएंगे। इसी महीने यह प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा कम्प्यूटर शिक्षकों के भी खाली पदों पर नियुक्ति होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया।

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बैठक में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की कमी दूर करने के साथ ही अगले साल से सभी पंचायतों में उच्चतर माध्यमिक स्कूल भी शुरू कराने का निर्देश दिया है। बैठक की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने बताया कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 32 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। साथ ही पंचम चरण के तहत 2017 से नियोजन रुका हुआ है। इसकी भी बहाली होगी।

प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों का पहले समानुपातीकरण किया जाएगा। जहां शिक्षक अधिक होंगे, उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। जरूरत हुई तो प्राथमिक स्कूलों में भी शिक्षकों की बहाली की जाएगी और जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से नियोजन कैलेंडर जारी किया जाएगा। 

अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने  बताया कि अगले साल से सूबे की सभी पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए सभी पंचायतों में हाईस्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। लेकिन, 2300 पंचायतों में हर हाईस्कूल के लिए 75 डिसमिल जमीन नहीं मिल सकी है। ऐसे में तय किया गया है कि प्री-फैब्रिकैटेड दो-तीन अतिरिक्त कमरे बनाकर नौवीं कक्षा की पढ़ाई शुरू कर दी जाए।

अप्रैल 2020 से राज्य की सभी पंचायतों में नौवीं की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। आधे-अधूरे 160 हाईस्कूल भवनों का निर्माण भी जल्द पूरा किया जाएगा। 

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जुलाई से राज्य के सभी हाईस्कूलों में बांका की तर्ज पर स्मार्ट क्लास से पढ़ाई होगी। इसमें टीवी स्क्रीन पर ऑडियो-विजुअल से क्लास होगी। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। मैट्रिक और इंटरमीडिएट में बांका जिले का रिजल्ट बेहतर रहा है, इसलिए मुख्यमंत्री ने बांका मॉडल को पूरे बिहार में लागू करने का निर्देश दिया है।

शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए जुलाई से बेस्ट एप के माध्यम से विशेष अभियान चलाकर स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति जांच होगी। बिना सूचना के अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बापू की जीवनी पर आधारित दो पुस्तकों का वाचन हो रहा है। इसे प्रभावी बनाने के लिए हरेक विद्यालय के एक-एक शिक्षक का उन्मुखीकरण होगा और उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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