दीपावली 2017: इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, 27 साल बाद बन रहा संयोग
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद है। सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष कहा जाता है।
पटना [जेएनएन]। दीपावली के दिन सूर्य शुक्र मंगल चन्द्रमा कन्या में चतुर्ग्रही योग का सृजन हो रहा है, जो शुभ लाभ संयोग वाला है। इस योग के चलते व्यापारिक वर्ग के साथ आम लोगों को भी सुख-संपदा, समृद्धि, सर्व कल्याण और धन का लाभ मिलेगा।
दिवाली के दिन तुला राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और गुरु की युक्ति से चतुर्ग्रही योग बनेंगे। गुरुवार को चित्रा योग में है जो महालक्ष्मी को प्रसन्न करने से लेकर पूजा पाठ और खरीदारी सभी के लिए शुभ है। 27 साल बाद यह संयोग बन रहा है। इससे पहले साल 1990 में इस तरह का संयोग बना था।
ज्योतिष में गुरु को सोना, भूमि, कृषि आदि का कारक माना जाता है। चित्रा नक्षत्र चांदी, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्राॅनिक चीजों के लिए खास है। शुक्र राशि वाला यह नक्षत्र समृद्धि का कारक है।
सूर्यास्त के बाद करें लक्ष्मी पूजा
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद है। सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष के समय व्याप्त अमावस्या तिथि दीवाली पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है।
अतः दीवाली पूजा का दिन अमावस्या और प्रदोष के इस योग पर ही निर्धारित किया जाता है. यदि आपका व्यावसायिक प्रतिष्ठान है तो आप दिन में स्थिर कुंभ लग्न 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 48 मिनट के मध्य पूजा कर सकते हैं वहीं बाकी सब लोगों के लिए सर्वोत्तम प्रदोष काल का स्थिर वृष लग्न शाम 6:55 से 8:52 बजे रात तक रहेगा। महानिशा पूजा तंत्र मंत्र सिद्धि काली पूजा इत्यादि स्थिर सिंह लग्न रात्रि 1:23 मिनट से 3:37 रात्रि के मध्य होगा।
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय
मेष राशि :- रात में लाल चंदन और केसर घिस कर उससे रंगा हुआ सफेद कपड़ा तिजोरी में बिछाएंगे तो उससे समृद्धि होगी तथा धन हानि नहीं होगा। शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाएं।
वृषभ राशि :- यदि सेविंग नहीं कर पा रहे हैं तो लक्ष्मी पूजन के साथ कमल के फूल का भी पूजन करें तथा बाद में इस फूल को लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी या लॉकर में रखें। रात को गाय के घी के दो दीपक जलाएं।
मिथुन राशि :- यदि आप धन की कमी से जूझ रहे हैं तो लक्ष्मी-गणेश पूजन करते समय दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करके उसे अपने धन स्थान पर रखें। यदि आप कर्ज से परेशान हैं तो लक्ष्मी पूजन के बाद गणेशजी की प्रतिमा को हल्दी की माला पहनाएं।
कर्क राशि :- यदि आपको धन लाभ की अभिलाषा है तो शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं। यदि आप त्रिकोण आकृति का झंड़ा विष्णु भगवान के किसी मंदिर में ऊंचाई पर लगाएंगे तब आपका भाग्य चमक उठेगा।
धनु राशि :- धन प्राप्ति के लिए पान के पत्ते पर रोली से श्रीं लिख कर अपने पूजा स्थान पर रखें तथा रोज इसकी पूजा करें। किसी बीमारी से परेशान हैं तो चंद्रमा को अर्घ दें और बीमारी के निवारण के लिए प्रार्थना करें।
मकर राशि :- काफी समय से यदि धन रुका हुआ है तो आक की रुई का दीपक घर के ईशान कोण में जलाएं।
यदि विवाह में बाधा आ रही है तो भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीला वस्त्र, पीली मिठाई अर्पित करें।
कुंभ राशि :- जीवन साथी के साथ नहीं बनती है तो खीर बनाएं इसका भोग लक्ष्मी को लगाएं और फिर स्वयं भी खाएं। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आयेगी। धन प्राप्ति के लिए नारियल के कठोर आवरण में घी डालकर लक्ष्मीजी के समक्ष दीपक जलाएं।
मीन राशि :- यदि आपको शत्रु पक्ष से परेशानी है तो कर्पूर के काजल से शत्रु का नाम लिखकर अपने पैर से मिटा दें। धन लाभ के लिए किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर कमल के फूल, नारियल अर्पित करें तथा सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
सिंह राशि :- रात को घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के घी का दीपक जला कर रखें। दीपक सुबह तक जलता रहे तो समझें कि आर्थिक स्थिति सुधरेगी, मान-सम्मान भी बढ़ेगा. शाम को पीपल के पत्ते पर अनार की कलम से गोरोचन के द्वारा शत्रु का नाम लिखकर दबा दें।
कन्या राशि :- यदि आपको धन संबंधी कोई समस्या है तो आप लाल रुमाल में नारियल बांध कर अपने गल्ले अथवा तिजोरी में रखें। धन लाभ होने लगेगा. दो कमलगट्टे की माला माता लक्ष्मी के मंदिर में दान करें।
तुला राशि :- यदि आपको व्यवसाय में घाटा हो रहा है तो आप बर के पेड़ के पत्ते पर सिंदूर व घी से ॐ श्रीं श्रियै नम: मंत्र लिखें और इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए लक्ष्मी मंदिर में जाकर 11 नारियल अर्पित करें।
वृश्चिक राशि :- यदि धन की इच्छा है तो अपने घर के बगीचे या बरामदे में केले के दो पेड़ लगाएं तथा इनकी देखभाल करें। परंतु इनके फल का सेवन न करें। परिवार में अशांति है तो नागकेसर का फूल घर में कहीं छिपा दें।