पटना में जालसाजों उड़ाए 13 लाख, किसी को बैंक अधिकारी बन लूटा तो किसी ने बता दिया OTP Patna News
राजधानी में जालसाज सक्रिय हो गए हैं। शहर में रोज एेसी वारदातें हो रही हैं। पटना में अलग-अलग घटनाओं में करीब 13 लाख रुपये से अधिक की रकम पर हाथ साफ कर दिया गया।
By Edited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 02:06 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 02:51 PM (IST)
पटना, जेएनएन। जालसाज गूगल पर फर्जी मनी एप के टोल फ्री नंबर से लेकर बैंक अधिकारी बन खाते से रकम उड़ा रहे हैं। गुरुवार को कोतवाली थाना क्षेत्र की पीएंडटी कॉलोनी निवासी एक युवक के खाते से 12 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। हालांकि पीड़ित ने थाने में केस दर्ज नहीं कराया है। वहीं पालीगंज, बिहटा और मसौढ़ी में भी बैंक अधिकारी बनकर जालसाजों ने एटीएम का सीरियल नंबर और ओटीपी पूछकर एक लाख 54 हजार रुपये खाते से उड़ा लिए।
पीएंडटी कॉलोनी पीड़ित ने बताया कि उनकी पत्नी का मोबाइल नंबर बैंक अकाउंट से जुड़ा है। किसी ने गुरुवार को खुद को बैंक अधिकारी बताकर उनकी पत्नी के मोबाइल पर फोन किया। एटीएम का सीरियल नंबर और ओटीपी पूछा और कुछ देर बार खाते से 12 लाख रुपये गायब हो गए। देर रात पीड़ित ने बताया कि उन्हें पता चल गया कि यह काम उनके एक करीबी ने किया है। वह पैसा लौटाने की बात बोल रहा है। इस वजह से वह थाने में केस दर्ज नहीं करा रहे।
एटीएम कार्ड बदलकर निकाले एक लाख 20 हजार
पालीगंज के खिड़ी मोड़ थाना क्षेत्र के इमामगंज बाजार स्थित इंडिकैश के एटीएम से गुरुवार को जालसाजों ने एक छात्रा का एटीएम कार्ड बदलकर एक लाख 20 हजार रुपए की निकासी कर ली। मुंगीला गाव निवासी राजेंद्र शर्मा की बेटी प्रीति कुमारी ने खिड़ी मोड़ थाने में शिकायत की है। पीड़िता ने बताया कि 26 अगस्त को पिता के कहने पर एटीएम कार्ड से रुपए निकलने के लिये इमामगंज बाजार स्थित एटीएम में गई थी। जब काफी कोशिश करने के बाद भी रुपये नहीं निकले तो पीछे खड़े एक व्यक्ति ने मदद करने की बात कह एटीएम कार्ड लेकर 3000 हजार रुपये निकाल कर दे दिए। इस बीच उस व्यक्ति ने एटीएम कार्ड बदल दिया। 26 से 28 अगस्त को लेकर करीब मोबाइल पर एक लाख 20 हजार रुपए कटने का मैसेज मिला।
एटीएम कार्ड का पिन पूछकर निकाले 14 हजार रुपये
जालसाजों ने गुरुवार को बिहटा के बिंदौल निवासी त्रिभुवन सिंह के पुत्र योगेंद्र सिंह से मोबाइल पर एटीएम का पिन कोड पूछकर 14 हजार रुपये की निकासी कर ली। भोजपुर के कोईलवर में स्थित पीएनबी की शाखा में योगेंद्र सिंह का चालू खाता है। सुबह दस बजे उनके मोबाइल पर किसी ने फोन किया और खुद को रिजर्व बैंक का अधिकारी बताते हुए एटीएम का रिन्युवल करने की बात कही। कार्ड का सीरियल नंबर और पिन कोड पूछ लिया। फोन कट होने के दस मिनट बाद मोबाइल पर 14 हजार 789 रुपये के निकलने का एसएमएस मिला। उस नंबर पर बात करने पर बताया गया कि उक्त खाते में बीस हजार रुपये और जमा करिए तो कटा हुआ रुपया भी मिल जाएगा। बैंक जाने पर पता चला कि उनके खाते में रुपये नहीं हैं।
फर्जी तरीके से खाते से दस हजार रुपये निकाले
मसौढ़ी के गोपालपुर मठ ग्रामवासी राजकुमार की पत्नी मंजू देवी का पीएनबी, मसौढ़ी में खाता है। आरोप है कि बीते 14 अगस्त को उसके खाते से फर्जी तरीके से दस हजार रुपये की निकासी कर ली गई। जब वह गुरुवार को बैंक पहुंचीं तो इस बात की उन्हें जानकारी हुई। गुरुवार को वह बैंक शाखा प्रबंधक से मिलकर लिखित शिकायत की। शाखा प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
साइबर सेल भी पटना पुलिस को जारी कर चुकी पत्र
साइबर अपराध से जुड़े हर मामले को साइबर सेल में भेजने पर पुलिस की जांच प्रणाली पर सवाल खड़ा हो चुके हैं। यहां तक आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस महानिदेशक ने भी निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि साइबर अपराधों से संबंधित कांडों में अनुसंधानकर्ता द्वारा तकनीकी सहायता जिला में गठित टेक्निकल सेल से प्राप्त करना सुनिश्चित करें। किसी भी परिस्थिति में अगर जिले में गठित टेक्निकल सेल साइबर अपराधों से संबंधित कांडों में किसी बिंदु पर तकनीकी सहयोग प्रदान करने में सक्षम नहीं है तो ऐसी परिस्थिति आवेदन भेजना है। वह भी जिला पुलिस अधीक्षक के माध्यम से।
पीएंडटी कॉलोनी पीड़ित ने बताया कि उनकी पत्नी का मोबाइल नंबर बैंक अकाउंट से जुड़ा है। किसी ने गुरुवार को खुद को बैंक अधिकारी बताकर उनकी पत्नी के मोबाइल पर फोन किया। एटीएम का सीरियल नंबर और ओटीपी पूछा और कुछ देर बार खाते से 12 लाख रुपये गायब हो गए। देर रात पीड़ित ने बताया कि उन्हें पता चल गया कि यह काम उनके एक करीबी ने किया है। वह पैसा लौटाने की बात बोल रहा है। इस वजह से वह थाने में केस दर्ज नहीं करा रहे।
एटीएम कार्ड बदलकर निकाले एक लाख 20 हजार
पालीगंज के खिड़ी मोड़ थाना क्षेत्र के इमामगंज बाजार स्थित इंडिकैश के एटीएम से गुरुवार को जालसाजों ने एक छात्रा का एटीएम कार्ड बदलकर एक लाख 20 हजार रुपए की निकासी कर ली। मुंगीला गाव निवासी राजेंद्र शर्मा की बेटी प्रीति कुमारी ने खिड़ी मोड़ थाने में शिकायत की है। पीड़िता ने बताया कि 26 अगस्त को पिता के कहने पर एटीएम कार्ड से रुपए निकलने के लिये इमामगंज बाजार स्थित एटीएम में गई थी। जब काफी कोशिश करने के बाद भी रुपये नहीं निकले तो पीछे खड़े एक व्यक्ति ने मदद करने की बात कह एटीएम कार्ड लेकर 3000 हजार रुपये निकाल कर दे दिए। इस बीच उस व्यक्ति ने एटीएम कार्ड बदल दिया। 26 से 28 अगस्त को लेकर करीब मोबाइल पर एक लाख 20 हजार रुपए कटने का मैसेज मिला।
एटीएम कार्ड का पिन पूछकर निकाले 14 हजार रुपये
जालसाजों ने गुरुवार को बिहटा के बिंदौल निवासी त्रिभुवन सिंह के पुत्र योगेंद्र सिंह से मोबाइल पर एटीएम का पिन कोड पूछकर 14 हजार रुपये की निकासी कर ली। भोजपुर के कोईलवर में स्थित पीएनबी की शाखा में योगेंद्र सिंह का चालू खाता है। सुबह दस बजे उनके मोबाइल पर किसी ने फोन किया और खुद को रिजर्व बैंक का अधिकारी बताते हुए एटीएम का रिन्युवल करने की बात कही। कार्ड का सीरियल नंबर और पिन कोड पूछ लिया। फोन कट होने के दस मिनट बाद मोबाइल पर 14 हजार 789 रुपये के निकलने का एसएमएस मिला। उस नंबर पर बात करने पर बताया गया कि उक्त खाते में बीस हजार रुपये और जमा करिए तो कटा हुआ रुपया भी मिल जाएगा। बैंक जाने पर पता चला कि उनके खाते में रुपये नहीं हैं।
फर्जी तरीके से खाते से दस हजार रुपये निकाले
मसौढ़ी के गोपालपुर मठ ग्रामवासी राजकुमार की पत्नी मंजू देवी का पीएनबी, मसौढ़ी में खाता है। आरोप है कि बीते 14 अगस्त को उसके खाते से फर्जी तरीके से दस हजार रुपये की निकासी कर ली गई। जब वह गुरुवार को बैंक पहुंचीं तो इस बात की उन्हें जानकारी हुई। गुरुवार को वह बैंक शाखा प्रबंधक से मिलकर लिखित शिकायत की। शाखा प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
साइबर सेल भी पटना पुलिस को जारी कर चुकी पत्र
साइबर अपराध से जुड़े हर मामले को साइबर सेल में भेजने पर पुलिस की जांच प्रणाली पर सवाल खड़ा हो चुके हैं। यहां तक आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस महानिदेशक ने भी निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि साइबर अपराधों से संबंधित कांडों में अनुसंधानकर्ता द्वारा तकनीकी सहायता जिला में गठित टेक्निकल सेल से प्राप्त करना सुनिश्चित करें। किसी भी परिस्थिति में अगर जिले में गठित टेक्निकल सेल साइबर अपराधों से संबंधित कांडों में किसी बिंदु पर तकनीकी सहयोग प्रदान करने में सक्षम नहीं है तो ऐसी परिस्थिति आवेदन भेजना है। वह भी जिला पुलिस अधीक्षक के माध्यम से।
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