आइआइटी लेता छात्रों के आत्मविश्वास का टेस्ट : अभयानंद
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) छात्रों केआत्मविश्वास का टेस्ट लेता है।
पटना । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) छात्रों के आत्मविश्वास का टेस्ट लेता है। आइआइटी का टेस्ट केवल विषयों का टेस्ट नहीं है, बल्कि परीक्षार्थियों के दृढ़ संकल्प, रुचि एवं समर्पण का टेस्ट है। जेइइ मेन की परीक्षा में हमेशा केमेस्ट्री के प्रश्नों को सबसे पहले हल करने की कोशिश करनी चाहिए। उसके बाद भौतिकी और फिर गणित के सवालों को हल करें। ये बातें बुधवार को दैनिक जागरण द्वारा आयोजित 'प्रश्न पहर' कार्यक्रम में राज्यभर से जेइइ मेन के परीक्षार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं 'रहमानी सुपर थर्टी' के संस्थापक अभयानंद ने कहीं। पेश हैं परीक्षार्थियों के सवाल एवं उनके जवाब-
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जेइइ मेन की परीक्षा में सबसे पहले किस विषय के सवालों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए।
- मुकेश राज, गया
: जेइइ मेन की परीक्षा में सबसे पहले केमेस्ट्री के सवालों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। इसमें उलझने वाले सवाल कम होते हैं या नहीं के बराबर होते हैं। अगर केमेस्ट्री के सवाल आसानी से बन गए तो परीक्षार्थियों का आत्मविश्वास काफी बढ़ जाता है। इसका असर भौतिकी एवं गणित के सवालों पर भी पड़ता है।
परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों को कब तक पहुंचना चाहिए?
- रोहित, गया
: परीक्षा के लिए निर्धारित समय से कम से कम एक घंटा पहले परीक्षार्थी को केंद्र पर जरूर पहुंच जाना चाहिए। इससे परीक्षा के दौरान किसी तरह की हड़बड़ी नहीं रहती है।
वर्तमान में जेइइ मेन की तैयारी किस तरह से करनी चाहिए?
- सूरज कुमार, पटना
: अब जेईई मेन की परीक्षा में मात्र कुछ दिन बच गए हैं। ऐसे में आपको प्रतिदिन एक टेस्ट देना चाहिए। टेस्ट का समय भी वही होना चाहिए, जो परीक्षा के लिए निर्धारित किया गया है। टेस्ट देने के बाद अपनी कॉपी का मूल्यांकन भी स्वयं करना चाहिए। जहां गलती है, उसे स्वयं दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। उसमें सबसे पहले निगेटिव अंकों को ध्यान से देखें। उसे दूर करने का प्रयास करें।
जेईई मेन की तैयारी में किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
- विनोद राय, दानापुर
: जेईई मेन का कोर्स एडवांस से बड़ा होता है। पिछले कुछ वर्षो से ऐसे पाठों से ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं, जो मेन में हैं लेकिन एडवांस में शामिल नहीं है। इन पाठों पर जेईई मेन के परीक्षार्थियों को विशेष ध्यान देना चाहिए।
परीक्षा हॉल में छात्रों को किन बातों पर गौर करना चाहिए?
- विकास सिंह, आरा
: परीक्षा हॉल में सबसे पहले दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ाना चाहिए ताकि परीक्षा प्रणाली में किसी प्रकार का बदलाव हो तो उस पर गौर किया जा सके। पूर्व की प्रणाली के चक्कर में कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए।
कॉपी जमा करने से पहले किन बातों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए।
- अमित राज, सोनपुर
: कॉपी जमा करने से पहले रौल नंबर एवं अन्य भरे जाने वाले कॉलम को गंभीरता से देख लेना चाहिए। कोई कॉलम खाली हो तो तत्काल भरने के बाद ही कॉपी को जमा करना चाहिए।
ओएमआर शीट एक-एक कर भरना चाहिए या एक ही बार में भरना ठीक रहता है।
- सुनील कुमार, हाजीपुर
: चार या पांच सवालों को हल करने के बाद ओएमआर शीट पर उसका उत्तर भर देना चाहिए। एक-एक सवाल का उत्तर भरने पर ज्यादा समय लगता है और सभी सवालों को हल करने के बाद अंत में भरने पर उत्तर छूटने या गलती होने की संभावना ज्यादा रहती है।
जेईई मेन में चांस लेना चाहिए या न जानने वाले सवालों को छोड़ देना चाहिए। - दिलीप कुमार, बक्सर
: अगर परीक्षा में 150 अंक के आसपास आने की उम्मीद है तो निगेटिव मार्किंग से बचना चाहिए। लेकिन अगर 120 के आसपास अंक आ रहे हैं तो वैसे भी आपका चयन संदेहास्पद है। इस स्थिति में जरूर चांस लेना चाहिए क्योंकि अंदाज पर सवाल ठीक होने पर चार अंक मिलेंगे और गलती होने पर एक ही अंक कटेगा।
आइआइटी की तैयारी करते समय 11वीं पर ज्यादा जोर देना चाहिए या 12वीं के कोर्स पर।
- राजेश सिंह, आरा
: आइआइटी में 11वीं और 12वीं दोनों के कोर्स से सवाल पूछे जाते हैं। 12वीं से 11वीं का कोर्स बड़ा होता है। इसलिए 11वीं को भी गंभीरता से पढ़ना चाहिए। आइआइटी की परीक्षा केवल 12वीं के कोर्स से नहीं निकाली जा सकती है। आपकी तैयारी समुचित रूप से होनी चाहिए। शॉर्टकट अध्ययन से आइआइटी में सफलता नहीं मिल सकती है।
आपने इंजीनिय¨रग के लिए सुपर थर्टी शुरू किया है, मेडिकल के लिए भी ऐसा कुछ शुरू करने का प्लान है क्या?
- राधिका सिन्हा, पटना सिटी
: रहमानी सुपर थर्टी में मेडिकल के लिए भी तैयारी शुरू हो गई है। समाज से मदद मिलेगी तो अन्य सुपर थर्टी में भी मेडिकल के लिए भी तैयारी शुरू कर दी जाएगी।
पटना में फिलहाल आप कितने सुपर थर्टी चला रहे हैं?
- विकास राज, सासाराम
: पटना में फिलहाल दो सुपर थर्टी चल रहे हैं। एक रहमानी सुपर थर्टी है और दूसरा अभयानंद सुपर थर्टी।
आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए स्कूल कितना महत्वपूर्ण है?
- अभय कुमार सिंह, बेगूसराय
: आइआइटी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए स्कूल का महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन स्कूलों में समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। खासकर शिक्षकों एवं प्रयोगशालाओं की स्थिति बेहतर होनी चाहिए। केवल स्कूल जाकर खानापूर्ति करने का कोई मतलब नहीं है।
सुपरथर्टी का और विस्तार करना चाहते हैं या नहीं।
- चंद्रशेखर राय, मोकामा
: सुपर थर्टी का विस्तार समाज पर निर्भर है। अगर समाज मदद करने को तैयार होगा तो, मैं पढ़ाने के लिए तैयार हूं। बच्चों से मेरा गहरा लगाव है। उन्हें पढ़ाने में मुझे अच्छा लगता है। आगे भी पढ़ाते रहेंगे।
परीक्षा के दौरान थकावट महसूस हो तो क्या कराना चाहिए?
- विकास कुमार सिंह, पटनासिटी
: परीक्षा के दौरान थकावट महसूस होने पर या तनाव होने की स्थिति में थोड़ी देर आंखें बंद कर आराम कर लेना चाहिए। पांच मिनट में आपकी स्थिति ठीक हो जाएगी। एक ग्लास पानी पीकर फिर से प्रश्नों को हल करने में जुट जाएं। थकावट के दौरान लगातार काम करने पर परेशानी बढ़ जाती है और उसके बाद याद सवालों को भी हल करने में परेशानी होने लगती है।