दूल्हे को छोड़ शादी से पहले दुल्हन ने किया सुसाइड, शहनाई की जगह गूंज रहीं सिसकियां
सोमवार की शाम में जहां शहनाई गूंजने वाली थी, वहां सिसकियां गूंज रही थीं। पूर्व आइजी की बेटी स्निग्धा ने शादी से एक दिन पहले छत से कूदकर सुसाइड कर लिया था।
पटना, जेएनएन। मुनव्वर राना का शेर है- 'सियासत इस हुनरमंदी से सच्चाई छिपाती है, जैसे सिसकियों का दर्द शहनाई छिपाती है।' किशनगंज के डीएम महेंद्र कुमार की पूर्व आइजी की डॉक्टर बेटी स्निग्धा से सोमवार की शाम शादी होने वाली थी और रात में रिसेप्शन होना तय था। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जहां शहनाई बजनी थी वहीं मातमी सन्नाटा पसरा रहा। शादी की तैयारी अधूरी रह गई क्योंकि दुल्हन ने शादी को नहीं मौत को गले लगाया।
सोमवार की शाम होने वाली थी शादी, गूंज रही थी सिसकियां
डीएम महेंद्र कुमार अपनी होनेवाली दुल्हन स्निग्धा को ब्याहने जाते। लेकिन, वो होनेवाली पत्नी के दाह-संस्कार में शामिल होने के लिए रविवार को पटना में गंगा किनारे बांसघाट पहुंचे और कहा कि कुछ समझ में नहीं आ रहा है, क्या कहूं? जीवन में यह मोड़ कहां से आ गया?
होने वाली पत्नी के दाह-संस्कार में पहुंचे महेंद्र की ओर देखते हुए उनके आइएएस दोस्त कुछ कहते उससे पहले ही उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ा-हे भगवान! मेरे जीवन में यह मोड़ कैसे आ गया? जिसके साथ कल जीवन के सात फेरे लेने थे, यह क्या हो गया? किसे कहूं और क्या कहूं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है? कफन में लिपटी डॉक्टर स्निग्धा के शव को देखकर महेंद्र की आंखें नम हो गईं। वे एक घंटे तक वहां रुके फिर चले गए।
शहनाई की जगह गूंज रहीं थी सिसकियां
शास्त्रीनगर के स्नेही पथ स्थित चंद्र विला में रिटायर आइजी के घर सोमवार को सिसकियों का दर्द तो था मगर उसे छिपाने के लिए शहनाई की कोई धुन नहीं थी। जिस बेटी को बाजा-बारात के साथ विदा करना था, वह दुनिया से ही विदा हो चुकी थी। शादी वाले घर में श्राद्ध की तैयारी चल रही थी। शाम में जिस घर में बारात आनी थी, वहां सुबह से ढांढ़स बंधाने वालों का मजमा लगा था।
घर के दरवाजे के बाहर एक गाड़ी जाती तो दूसरी गाड़ी आकर खड़ी हो जातीं। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। दरवाजे पर चप्पल और जूतों की संख्या इस बात की ओर इशारा कर रही थी कि काफी तादाद में लोग आ-जा रहे हैं। परिजन दिनभर घर में ही कैद रहे। बीच-बीच में कोई आता तो दरवाजा खुलता और फिर बंद हो जाता। घर की महिलाएं आगंतुकों को देख अपना दर्द नहीं छिपा पा रही थीं। रुक-रुककर जोर-जोर से रोने की आवाजें बाहर तक आ रही थीं। हर चेहरा उदास और मायूस था।
बच्चे भी अपने बचपने को अंदर ही समेटे हुए थे। उनके चेहरे भी मुरझाये हुए थे। आस-पड़ोस के लोग भी कभी छतों से तो कभी दरवाजे पर निकलकर आने-जाने वाले लोगों को निहारते रहे। पंडाल और बांस-बल्ले खुल चुके थे। महिलाएं बात करती दिखीं- अगर सबकुछ ठीक होता तो आज बेचारी की डोली उठती।
राजधानी के पॉश इलाके में कोतवाली से सटे रविवार की सुबह हुई हृदय विदारक घटना ने सबको चौंका दिया. रिटायर्ड आईपीएस की बेटी, आईएएस की होनी वाली दुल्हन व खुद एमबीबीएस डॉक्टर स्निग्धा सुधांशु ने इलाके के सबसे ऊंचे अपार्टमेंट की टेरिस से कूद कर जान दे दी। पुलिस ने उदयगिरी अपार्टमेंट की टेरिस से डॉक्टर स्निग्धा का मोबाइल फोन, चश्मा बरामद किया था।
सिर के बल गिरी, टूट गयीं पूरे शरीर की हड्डियां
उदयगिरी अपार्टमेंट की तेरहवीं मंजिल के टेरिस से कूदने के कारण स्निग्धा के शरीर की हड्डियां चूर हो गयीं थीं। वह सिर के बल गिरी थी। उसका पांव टूट गया है, एडी की हड्डी टूट गयी। पेट फट गया और कमर की हड्डी भी टूट गयी।
जिद्दी स्वभाव की थी स्निग्धा...
डॉक्टर स्निग्धा स्वभाव से जिद्दी थी। एक साल पहले डॉक्टर स्निग्धा सुधांशु का किशनगंज के डीएम महेंद्र कुमार से शादी पक्की हुई और रिंग सेरेमनी भी हो गयी थी और अब शादी की तैयारी चल रही थी। 8 दिसंबर 2018 को तिलक हुआ और अब 10 दिसंबर 2018 को शादी के लिए दोनों परिवार तैयारियों में जुटा हुआ था।लेकिन डॉक्टर स्निग्धा के दिलो-दिमाग में क्या चल रहा था, इसे तो बस वही जान रही थी या उसके घरवाले।
आइआईटीएन से अफेयर की बात सामने आयी तो साथ में रहने लगी थी मां
दरअसल डॉक्टर स्निग्धा किसी आईआईटीएन से प्रेम करती थीं। सिलीगुड़ी में रहने वाले आईआईटीएन से ही वह शादी करना चाहती थी, लेकिन परिवार के लोग शायद तैयार नहीं हो रहे थे।
डॉक्टर स्निग्धा का कोलकाता में मेडिकल में पढ़ाई के दौरान एक युवक से अफेयर हो गया था। पिछले चार साल से दोनों के बीच रिश्ते थे। स्निग्धा ने घरवालों को बतायी थी, शादी की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन परिवार के लोग तैयार नहीं थे। बताया जाता है कि डॉक्टर स्निग्धा के पिता रिटायर्ड आईपीएस उमाशंकर सुधांशु काफी गुस्सैल स्वभाव के हैं। जब उन्हें इस अफेयर की जानकारी हुई तो उन्होंने अपनी पत्नी को बेटी के पास कोलकाता भेज दिया था।