बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 'एडवेंचर' का मजा लीजिए, जानिए क्या हैं खास
रोमांच पंसद करने वाले पर्यटकों के लिए बिहार के वाल्मीकि नगर में बसा वाल्मीकि टाइगर रिजर्व सबसे बेहतर अॉप्शन है। यह 900 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जहां एडवेंचर का पूरा मजा है।
पूर्वी चंपारण [दीनानाथ साहनी]। यह वाल्मीकि नगर है। बिहार का 'स्वर्ग' माना जाने वाला यह पूरा इलाका प्रकृति की गोद में खासा रमणीक है। यहीं पर करीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैला बेहद 'ब्यूटीफुल' वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) है, जहां 'एडवेंचर' का पूरा मजा लेने आ सकते हैं।
यहां स्वच्छंद विचरण करते जंगली जीव-जन्तु अक्सर दिख जाते हैं। खासियत यह कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए सरकार ने 'इको-फ्रेंडली' सारी सुविधाएं मुहैया करायी हैं।
रोमांच पंसद करने वाले पर्यटकों के लिए 'जंगल सफारी' रिवर राफ्टिंग, रिवर व्यू टॉवर और कौलेश्वर झूला जैसे शानदार इंतजाम है। पर्यटकों के के लिए 'इको-फ्रेंडली' आवास है। जैसे- बैम्बू हट, ट्री हट, इको-हट आदि।
वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में 'इको-टूरिज्म' की अपार संभावनाएं हैं।
वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 35 से ज्यादा हो गई है। प्रदेश में 'इको-टूरिज्म' को 'वल्र्ड-क्लास' का दर्जा दिलाया जाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए 'इको-टूरिज्म' को और विकसित करने पर काम किया जा रहा है। राज्य में अब सिर्फ 'इको-टूरिज्म' पर काम करने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग के तहत पूरे सेटअप में एक अलग 'विंग' बनाया जाएगा।
खास बात यह कि मुख्यमंत्री 'मार्निंग वाक' पर थे तब कौलेश्वर झूला के पास उन्होंने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह व सीएम के मुख्य परामर्शी अंजनी कुमार सिंह की मौजूदगी में वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण को 'इको-टूरिज्म' के लिए 'विंग' बनाने का निर्देश भी दिया।
'वर्ल्ड टूरिज्म' के मैप में जल्द शामिल होगा 'वीटीआर'
बिहार में पर्यटन उद्योग के चेहरे को नया रूप देने की तैयारी चल रही है। इस उद्देश्य के तहत सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पटना और राजगीर की तर्ज पर और विकसित कर रही है। ताकि, देश-विदेश से पर्यटक यहां आकर प्रकृति का मनोरम दृश्य का आनंद ले सकें।
जैसा कि डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बताया-'पर्यटन के क्षेत्र में इको टूरिज्म को वल्र्ड टूरिज्म के मैप पर जल्द लाया जाएगा। इसकी सारी तैयारी चल रही है। अगले वर्ष तक वाल्मीकि टाईगर रिजर्व में एक लाख पर्यटक लाने का लक्ष्य है।'
वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के डायरेक्टर हेमकांत रॉय ने बताया कि यहां पर बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। बाघों के लिए यहां माकूल वातावरण है। सांभर, चीतल, बार्किंग डीयर (कोटरा), जंगली सुअर, नीलगाय, लंगूर, भारतीय गौर, मोर, बंदर, खगोश आदि जानवरों की बहुतायत है।
वीटीआर की विशेषता
* घने जंगल में हाथी की सफारी की व्यवस्था
* जिप्सी, ई-रिक्शा व साइकिल से जंगल सफारी
* जंगल के बीच गंडक में राफ्टिंग का आनंद
* वाच टॉवर से नेपाल की हसीन वादियों का दर्शन
* नेचर गाइड से सैलानियों का मार्गदर्शन
*मेडिटेशन सेंटर एवं योग केन्द्र में निरोग रहने की सीखने की कला
* रिसोर्ट वाल्मीकि विहार में लोक कलाओं एवं संस्कृति की झांकियां