जमीन मुआवजे की राशि नहीं ली तो सीधे तो न्यायालय के खाते में जमा हो जाएगी, कार्रवाई की जद में भी आएंगे
बलिया और फतेहपुर कस्तुरी के वैसे जमीन मालिक जो जमीन का मुआवजा नहीं ले रहे अगर मुआवजे की राशि पंद्रह मार्च तक नहीं ले लेते हैैं तो वह राशि संबंधित इलाके के सिविल कोर्ट में जमा करा दी जाएगी और सड़क निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। ग्यारह वर्षों से हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क के सात किमी हिस्से का काम इस वजह से अटका पड़ा है कि जमीन मालिक जमीन का मुआवजा ही नहीं ले रहे। इस कारण सड़क निर्माण के लिए जमीन को उपलब्ध कराने में परेशानी है। अब सरकार ने यह तय किया है कि जमीन मालिकों ने अगर मुआवजे की राशि नहीं ली तो उनकी तय राशि संबंधित क्षेत्र के सिविल कोर्ट में जमा कर दी जाएगी। इस बाबत अगले महीने की पंद्रह तारीख तक ही अब इंतजार किया जाएगा।
यहां फंसा है जमीन अधिग्रहण का मामला
वर्ष 2010 में हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क की फोरलेनिंग पर काम आरंभ हुआ था। यह सड़क अब तक 83 प्रतिशत ही बन सकी है। मुजफ्फरपुर जिले के पकोही खास, बथनाराम, माधोपुर, मछिया, शाहबाजपुर, मधुबन जगदीश, लश्करीपुर, बलिया, सकरी, सरैया, दरियापुर कफैन तथा मधौल में सात किमी हिस्से का काम अटका पड़ा है। मामले की सुनवाई कमिश्नर स्तर पर 2010 से अटकी पड़ी है। इसी तरह से 106 मामले सिविल कोर्ट में कई मामले अटके हैं।
जमीन अधिग्रहण को ले यह हुआ है निर्णय
बलिया और फतेहपुर कस्तुरी के वैसे जमीन मालिक जो जमीन का मुआवजा नहीं ले रहे, अगर मुआवजे की राशि पंद्रह मार्च तक नहीं ले लेते हैैं तो वह राशि संबंधित इलाके के सिविल कोर्ट में जमा करा दी जाएगी और सड़क निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा। शेष इलाके में जमीन अधिग्रहण का मुआवजा वितरित किए जाने को ले नियमित रूप से कैंप लगाए जाएंगे। अगर इसके बाद भी मुआवजे की राशि लेने के लिए जो लोग नहीं आते हैैं उनकी राशि न्यायालय में जमा करा दी जाए।
निर्माण शुरू कराए जाने को एक कंपनी पुलिस बल भी मिलेगा
यह निर्णय लिया गया है कि सड़क निर्माण शुरू कराए जाने को ले एक कंपनी पुलिस बल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त जमीन से जुड़े लंबित मामलों के तीव्र गति से निपटारे के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश को लिखा जाएगा। 1.2 किमी का निर्माण पक्की संरचना की वजह से भी फंसा है। इस सड़क में 1.2 किमी का निर्माण पक्की संरचनाओं की वजह से भी अटका पड़ा हुआ है। इसमें पुलिस भवन, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड भी शामिल है। यह हाजीपुर, सराय, भगवानपुर व गोरौल से जुड़ा मामला है। इसे 28 फरवरी तक हटाए जाने का अल्टीमेटम दिया गया है।