दिव्यांगों ने अपनी असाधारण क्षमता से रचा कीर्तिमान
मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के बैनर तले कार्यक्रम आयोजित
मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के बैनर तले बिहार आर्थिक अध्ययन संस्थान द्वारा विकलांगों की दशा- दिशा विषय पर परिसंवाद आयोजित किया गया। इस मौके पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को समाज में अब सम्मान मिलने लगा है। शारीरिक रूप से थोड़ा कमजोर होने पर भी उन्हें उपयोगी व्यक्ति समझा जाने लगा है। अनेक दिव्यांगों ने अपनी क्षमताओं से समाज को चकित किया है। आज विश्व में कोई ऐसा कार्य नहीं, जहां किसी न किसी दिव्यांग विभूति ने अपने असाधारण कृतित्व से अमिट छाप न छोड़ी हो। अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट, पोलियोग्रस्त क्रिकेटर चन्द्रशेखर, श्रवणहीन वैज्ञानिक थॉमस एडीसन जैसे कई सारे ऐसे महान लोग हैं, जिन्होंने अपनी दुनिया में अलग पहचान बनाई है। डॉ. मिश्र ने कहा कि मानव विकास रिपोर्ट सन् 2014 के अनुसार 800 मिलियन लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इस मौके पर डॉ. रत्नेश्वर मिश्रा और बच्चा ठाकुर ने भी अपनी बातों को सब के सामने रखते हुए बताया कि समाज को आगे बढ़ाने में दिव्यांग लोगों का कितना योगदान रहा है।
बंद कमरों से बाहर निकलनी चाहिए मानवाधिकार की चर्चा
इधर, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के सभागार में सर्वोच्च मानवाधिकार एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्रधिकार, पटना के संयुक्त तत्वावधान में मानवधिकार दिवस के मौके पर सोमवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि मानवाधिकार की बातें अब बंद कमरों से निकल कर जन-जन तक पहुंचनी चाहिए। मौके पर संस्था के सचिव जितेन्द्र कुमार पाठक ने बताया कि संस्थान मानवाधिकार की बातों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने वाला है। इसमें बुजुर्ग लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताने के साथ ही युवाओं को उनके अधिकार के बारे में भी जानकारी देनी है।