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बिहार का एके-47 वाला गांव, जहां नदी-नाले-खेत उगल रहे रायफल, जानिए कैसे

बिहार का एक गांव जहां खेत-खलिहान कुएं और नदियां सभी एके 47 उगल रही हैं। ये गांव आजकल चर्चा में बना हुआ है। 20 AK-47 बरामद होने के बाद यहां से अभी और हथियार बरामद होने की आशंका है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 04:52 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 11:26 PM (IST)
बिहार का एके-47 वाला गांव, जहां नदी-नाले-खेत उगल रहे रायफल, जानिए कैसे
बिहार का एके-47 वाला गांव, जहां नदी-नाले-खेत उगल रहे रायफल, जानिए कैसे

पटना [काजल]। बिहार के मुंगेर जिले का गांव, मिर्जापुर बरदह जहां के नदी, नाले, कुएं, जंगल, खेत, मकान सभी आजकल एके-47 राइफल उगल रहे हैं और यहां पुलिस का तलाशी अभियान अभी भी जारी है। यहां कभी खेत में तो कभी कुएं के पानी में तो कभी नदी में तलाशी ली जा रही है। तलाशी में मुंगेर की पुलिस अबतक करीब 20 एके-47 और उसके 500 पार्ट्स बरामद कर चुकी है।

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29 अगस्त को शुरू हुआ सिलसिला, जो जारी है

29 अगस्त को मोहम्मद इमरान को जमालपुर पुलिस ने तीन एके 47 रायफल के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में मोहम्मद शमशेर और इमरान की बहन रिजवाना को पुलिस ने तीन एके 47 रायफल के साथ बरदह गांव से गिरफ्तार किया था। फिर जब दोनों से पूछताछ हुई तो उसके बाद शुरू हुआ देश का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन, जिसमें हथियारों का जखीरा बरामद होने का सिलसिला जारी है। 

बता दें कि जबलपुर ऑर्डिनेंस डिपो से तस्करी कर 60 से 70 एके 47 रायफल मुंगेर आने की बात सामने आई थी और जिसके बाद 29 अगस्त को पहली बार मुंगेर में 3 एके-47 बरामद किया था। यह कामयाबी हजारीबाग से तौफीर आलम की गिरफ्तारी के बाद मिली थी। उसकी निशानदेही पर एसपी बाबू राम के नेतृत्व में एएसपी अभियान राणा नवीन सिंह और एएसपी हरिशंकर ने रात भर छापामारी कर 12 एके 47 रायफल बरामद की थी।

बिहार के मुंगेर में एके-47 रायफल की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव में पुलिस की छापेमारी एक दिन पहले भी जारी रही। पुलिस ने  इसके लिए में डॉग स्कवॉड की मदद ली साथ ही गंगा नदी में तलाशी के लिए गोताखोरों की भी मदद ली गई।

गांव के कुएं में एके-47 की खेप मिलने के बाद पुलिस को एक दूसरे कुएं से ऑटोमैटिक रायफल के पार्ट्स भी मिले थे। पुलिस को शक़ है कि अभी इन इलाकों से कई और एके-47 बरामद की जा सकती हैं।

अवैध हथियार निर्माण का इतिहास है पुराना

मुंगेर में अवैध हथ‍ियार न‍िर्माण का इतिहास काफी पुराना है। अंग्रेजों के डर से बंगाल के नवाब मीर कासिम ने मुंगेर को अपनी राजधानी बना लिया था। वहीं, अंग्रेजों से मुकाबला करने के ल‍िए मीर कासिम के सेनापति गुरगीन खान ने मुंगेर में बंदूक फैक्‍ट्री की स्‍थापना की। बाद में अंग्रेजी शासनकाल में भी बंदूक फैक्‍ट्री संचालित रही।

बंदूक फैक्‍ट्री में काफी संख्‍या में लोगों को बहाल क‍िया गया। लेकिन, बाद में बंदूक फैक्‍ट्री बदहाली की कगार पर पहुंच गया। ऐसे कारीगरों को जब काम मिलना बंद हुआ, तो वे अवैध रुप से हथियार बनाने में जुट गए। देसी कट़टा, बंदूक से शुरू हुआ सफर नाइन एमएम और 7-62 एमएम पिस्‍टल तक पहुंच गया।

मुंगेर के कारीगर इतने सिद्धहस्‍त हो गए कि एक बार कारबाइन को देख उसकी भी डुप्‍लीकेसी शुरू कर देते हैं । देखते देखते मुंगेर अवैध हथियार के न‍िर्माण और ब‍िक्री का बड़ा हब बन गया और इसका सबसे बडा शेल्‍टर बना मुफस्‍स‍िल थाना क्षेत्र का बरदह गांव।

बरदह गांव में अवैध हथियार न‍िर्माण करने वाले लोगों ने बडी संख्‍या में लोगों को कूरियर के रुप में इस धंधे से जोडा।  खासकर आर्थ‍िक रूप से कमजोर लोग और महिलाओं को इस धंधे से जोडा गया, जिन्‍हें एक जगह से दूसरी जगह तक हथियार पहुंचने के एवज में पैसे दिए जाते थे। 

लगातार छापामारी बाद हथियार तस्‍करों ने बदला ठ‍िकाना 

मुंगेर में पुलिस और एसटीएफ ने अवैध हथियार न‍िर्माण और तस्‍करी के ख‍िलाफ लगातार अभियान चलाया, तब हथियार तस्‍करों ने अपना ठ‍िकाना बदल ल‍िया। हथियार तस्करों ने बंगाल को अपना नया ठिकाना बना लिया। बंगाल के साथ ही पश्चिमी यूपी में हथियार का निर्माण करना शुरु किया। जहां से हथियार की फिनिशिंग और बिक्री के लिए मुंगेर लाया जाता है। कई बार हथियारों की खेप पकडे जाने के बाद इसकी पुष्टि हुई। 

मुंगेर में हथियार की खरीद करने देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग पहुंचते हैं। इसका फायदा उठाते हुए हथियार तस्करों ने विदेशी हथियार मुंगेर ला कर बेचना शुरू कर दिया। मुंगेर में अॉस्ट्रिया के एक पुलिस अधिकारी से चोरी की गई ग्लाक पिस्टल बरामद की गई। वहीं, कासिमबाजार थाना क्षेत्र में फ्रेंच पिस्टल भी बरामद किए गए। यह हथियार नगालैंड के रास्ते मुंगेर लाया गया था। 

आर्डिनेंस फैक्ट्री के डीपो में लगाई सेंध 

मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के डीपो में मुंगेर के हथियार तस्करों ने सेंध लगा दी। पुलिस के हत्थे चढे शमशेर के भाई और सेना के सेवानिवृत जवान रियाजुल ने सीओडी में कार्यरत पुरुषोत्तम लाल से अपने भाई शमशेर और उसके साला इमरान की मुलाकात कराई थी ।

वर्ष 2010 से डीपो से चोरी कर एके 47 जैसे राइफल डीपो से निकाल कर मुंगेर पहुंचाए जाने लगे, जहां शमशेर, इमरान आदि हथियार की बिक्री किया करते थे। 29 अगस्त को जमालपुर में तीन एके 47 के साथ इमरान पुलिस के हत्थे चढा। इसके बाद एके 47 तस्करी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।

इस मामले में पुलिस अब तक 20 एके 47 राइफल बरामद कर चुकी है। कुआं और जमीन के नीचे से भी एके 47 की बरामदगी की गई। इस मामले में मुंगेर पुलिस अब तक बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, असाम आदि राज्यों में छापामारी कर चुकी है। कई राज्यों में नेटवर्क फैले होने की सूचना बाद पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच एनआइए को सौंपे जाने की अनुशंसा कर दी है।

पूछताछ में शमशेर ने बताया कि अब तक 70 से अधिक एके 47 रायफल मुंगेर लाई जा चुकी हैं। पुलिस अब तक 20 एके-47  ही बरामद कर सकी है। ऐसे में 50 और एके 47 की बरामदगी को लेकर पुलिस कुआं से लेकर गंगा नदी तक की खाक छान रही है।


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