बिहार: पानी को कैसे बचाएं, यह मुंगेर के लोगों से सीखें, देश भर में हो रही प्रशंसा
जल प्रबंधन के लिए बिहार के मुंगेर की देशभर में सराहना हो रही है। केंद्र सरकार के नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने जल पुरस्कार दिया है। इससे और जिलों को भी सीखने की जरूरत है।
पटना, जेएनएन। जल संकट आज पूरे देश की समस्या है। पानी को बचाने के लिए सरकार की ओर से भी समय समय पर अभियान चलाया जाता है। लोगों को जागरूक किया जाता है। लेकिन इसे कर दिखाया है बिहार के मुंगेर ने। जल प्रबंधन के लिए बिहार के मुंगेर जिले की देश भर में सराहना हुई है। केंद्र सरकार के नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की ओर से मुंगेर को बेहतर जल प्रबंधन के लिए जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार योजना के तहत पूर्वी जोन में मुंगेर जिले को तीसरा स्थान दिया गया है। इसी जोन में झारखंड के कोडरमा एवं गढ़वा को पहला एवं दूसरा पुरस्कार मिला है। पुरस्कार के रूप में एक मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया है। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से यह पुरस्कार कृषि विभाग के उपनिदेशक शशि शेखर मंडल ने ग्रहण किया।
भूमि एवं जल संरक्षण की दिशा में बिहार में कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के कारण यह उपलब्धि मिली है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत मुंगेर जिले के हवेली खडग़पुर प्रखंड के रमनकाबाद, मधवा, गायधार, दरियापुर, इस्लामपुर एवं बसबिट्टी आदि गांवों में जल संरक्षण के लिए उल्लेखनीय काम किए जा रहे हैं।
जिले में भू-क्षरण को रोकने और वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए बड़ी संख्या में पक्का चेक डैम, साद अवरोधक बांध, सिंचाई कूप एवं तालाब आदि का निर्माण कराया गया है। इस प्रयास से अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का विकास हुआ है। ऐसा ही प्रयास राज्य के 17 जिलों में किया जा रहा है।
विदित हो कि जल प्रबंधन को प्रोत्साहन देने के लिए 13 वर्गों में राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए देशभर से आवेदन मांगे गए थे। जिला स्तर पर भूमिगत जल को बढ़ावा देने, नदी संरक्षण, झीलों, तालाबों एवं कुओं का संरक्षण-सृजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर प्रति वर्ष पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।