हाईकोर्ट ने पूछा- हाइवे पर बन रहा है मंदिर, कहां हैं अधिकारी
नेशनल हाइवे पर मंदिर बनाए जाने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताया। अदालत ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को आकर बताने को कहा कि आखिर किसकी अनुमति से यह निर्माण चल रहा है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राजधानी पटना के अनीसाबाद में पुलिस कॉलोनी के समीप नेशनल हाइवे पर मंदिर बनाए जाने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताया। अदालत ने 21 मार्च को पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में आकर बताने को कहा कि आखिर किसकी अनुमति से सड़क पर मंदिर का निर्माण चल रहा है।
नेशनल हाइवे से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ज्योति शरण एवं न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने कहा कि संबंधित पदाधिकारियों को पहले ही देखना चाहिए कि कहीं अवैध निर्माण तो नहीं हो रहा है? बाद में मंदिर हटाने के लिए लोकहित याचिका दायर होगी तो संबंधित अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगेंगे। आखिर ऐसी स्थिति ही क्यों पैदा होने दी जाती है। अवैध निर्माण से स्थानीय लोगों को भयंकर जाम की समस्या से जूझना होता है।
अदालत ने इस मामले में नेशनल हाइवे के अधिकारियों को तलब किया था। बाद में एनएच के वकील एसएन पाठक ने बताया कि संबंधित सड़क स्टेट हाइवे की है।
नेशनल हाइवे से भी मांगा जबाव
पटना से बख्तियारपुर तक जाने वाले एनएच 30 पर टॉल टैक्स वसूली को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत ने एनएचएआइ को 21 मार्च तक जवाब देने को कहा। एनएचएआइ को बताने को कहा कि सरिस्ताबाद से लेकर टॉल टैक्स गेट तक कितने पुल-पुलिया हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि टॉल टैक्स वसूली का केन्द्र वहां से 2 किलोमीटर दूर होना चाहिए था। वैसे वाहन के मालिकों को अनावश्यक टैक्स देना पड़ता है जो सड़क के बायें से गुजरते हैं। जो नेशनल हाइवे का उपयोग नहीं करते हैं। एकलपीठ ने टॉल टैक्स पर रोक लगा दी थी बाद में दो सदस्यीय खंडपीठ के आदेश से टॉल टैक्स लिया जा रहा है। लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं आ पाया है।