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बिहार में अब 40 फीट सड़क के किनारे भी बनाई जा सकेंगी बहुमंजिली इमारतें, जानिए

बिहार में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण में बड़ी राहत के आसार हैं। अब 40 फीट चौड़ी सड़क के किनारे भी ऐसी इमारतें बनाई जा सकेंगी। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 12:23 PM (IST)
बिहार में अब 40 फीट सड़क के किनारे भी बनाई जा सकेंगी बहुमंजिली इमारतें, जानिए
बिहार में अब 40 फीट सड़क के किनारे भी बनाई जा सकेंगी बहुमंजिली इमारतें, जानिए

पटना [राज्य ब्यूरो]। राज्य सरकार ने नए बिल्डिंग बायलॉज में जनता के साथ बिल्डरों को बड़ी राहत देने का खाका तैयार किया है। नए बिल्डिंग बायलॉज में मास्टर प्लान 2031 के तहत आने वाले क्षेत्रों में निर्माण को लेकर कई छूट देने की तैयारी है। खासतौर पर ऊंची इमारतों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि कम क्षेत्रफल में शहर की बढ़ती आबादी की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सके।

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नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार नए बिल्डिंग बायलॉज में नए क्षेत्र में 60 फीट से घटा कर 40 फीट व शहर के पुराने इलाके में 40 फीट से घटा कर 30 फीट चौड़ी सड़क पर बहुमंजिली इमारत बनाने की छूट मिलेगी।

उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के अनुसार हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी और एनजीटी के मानको की बाध्यता बनी रहेगी। महत्वपूर्ण यह है कि 40 मीटर से ऊंची इमारतों को ही व्यावसायिक माना जाएगा। इससे कम ऊंची इमारतों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हो सकेंगी। कोशिश है कि इस पहल से आवासीय बस्ती को व्यावसायिक भीड़-भाड़ से बचाया जा सके । छोटे निर्माण का नक्शा पास करने में ट्रस्ट एंड वैरिफाई नियम के आधार पर काम करने का प्लान है। यानी, नए नियम में 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल व 10 मीटर ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए पहले से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी। आवेदन देकर निर्माण शुरू किया जा सकता है। नक्शा पास होने के बाद निर्माण की जांच की जाएगी।

नए बिल्डिंग बायलॉज में खेल, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट व अस्पताल के लिए भवन सहित अन्य तरह के जन उपयोगी निर्माण के लिए अलग-अलग चैप्टर तैयार किए गए हैं। शीघ्र इस बायलॉज को कैबिनेट की मंजूरी के बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

सिंगल विंडो सिस्टम होगा लागू

सिंगल विंडो सिस्टम के तहत बड़े या छोटे निर्माण के नक्शा पास कराने के लिए बहुत जगहों से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। किसी निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॅारिटी, फायर बिग्रेड, पर्यावरण से लेकर अन्य प्राधिकारों से एनओसी लेने के लिए एक जगह ही आवेदन करना होगा। बायलॉज आने के बाद राज्य के सभी नगर निकायों में नक्शा पास कराने की सुविधा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मिलेगी। बड़े निर्माण का नक्शा 60 दिन के बदले 30 दिन में ही पास कर दिया जाएगा।

केंद्र के मॉडल बिल्डिंग बायलॉज के 14 प्वाइंट को अपनाया

नए बिल्डिंग बायलॉज में केंद्र सरकार की ओर से जारी मॉडल बिल्डिंग बायलॉज के 14 प्वाइंट को अपनाया गया है। दिव्यांगों के लिए रैंप, अलग से शौचालय, बच्चों व किशोरों के लिए अलग से खेल प्वाइंट या उनकी जरूरतों के हिसाब से अलग जगह, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, ग्रीन बिल्डिंग के प्वाइंट को नए प्लान में शामिल किया गया है।

हेरिटेज के लिए अलग प्रावधान

इस बार हेरिटेज भवनों के लिए भी अलग से नियम को जोड़ा गया है। इसमें कई तरह के नियमों में छूट दी गई है।

छोटे निर्माण को पार्किंग में छूट

छोटे भवनों के निर्माण में वाहन पार्किंग में छूट दी गई है। नए बायलॉज के अनुसार अगर कोई निर्माण 10 मीटर से कम ऊंचा या 300 वर्ग मीटर तक क्षेत्रफल वाला है तो उसे दो व चार पहिया वाहन पार्किंग के क्षमता के आधार पर निर्माण की स्वीकृति दे दी जाएगी।


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