पटना एयरपोर्ट के आसपास मुखिया की अनुमति से बनीं ऊंची इमारतें
जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के चारो ओर बनी ऊंची इमारतें बनीं खतरा।
पटना : जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का एक तो रनवे कम लंबा है, ऊपर से चारो ओर बहुमंजिली इमारतें बनती जा रही है। इससे फ्लाइट के टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान हादसों की आशंका बढ़ती जा रही है। आने वाले वीवीआइपी की सुरक्षा में भी बहुमंजिली इमारतें सेंध लगा रही है।
हाल में पर्यावरण समिति की बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के ऊंची इमारतों को चिह्नित कर तोड़ने के आदेश के बाद जागरण ने इस मामले की पड़ताल की। इसमें पता चला कि एयरपोर्ट की एनओसी या नगर परिषद की अनुमति लेना तो दूर ये इमारतें स्थानीय मुखिया की अनुमति से बन रही हैं। कम से कम अंचलाधिकारी तो यही बता रहे हैं।
एयरपोर्ट के पांच किमी दायरे में सर्वाधिक भवन :
एयरपोर्ट के पश्चिमी छोर पर फुलवारीशरीफ की घनी आबादी है। इसमें फुलवारीशरीफ नगर परिषद के अलावा प्रखंड की नोहसा पंचायत व बिड़ला कॉलोनी का इलाका है। इन क्षेत्रों में एयरपोर्ट के मापदंडों को ताक पर रखकर इन दिनों बहुमंजिली इमारतें खड़ी की जा रही हैं। जो एयरपोर्ट के लिए कभी भी खतरे का सबब बन सकती हैं। खासकर प्रखंड के नोहसा गाव, बोचाचक व वाल्मी क्षेत्र जो एयरपोर्ट से पाच किलोमीटर की परिधि में आते हैं। यहा निर्माण करा रहे बिल्डर एयरपोर्ट अथॉरिटी के नियम-कानूनों को तो छोड़िए स्थानीय प्रशासन की भी बात मानने को तैयार नहीं हैं। लगातार ऊंची-ऊंची इमारतें बनाई जा रही हैं। कमोवेश यही हाल बिड़ला कॉलोनी व हारून नगर का भी है।
अंचल कार्यालय नहीं दे रहा अनुमति : ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहीं ऊंची इमारतों के बारे में अंचलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मुखिया स्तर से अनुमति लेकर बिल्डर निर्माण करा रहे हैं। अंचल कार्यालय से इस तरह के किसी भी नक्शे को अनुमति नहीं दी जा रही है।
नगर परिषद ने भी झाड़ा पल्ला :
फुलवारीशरीफ नगर परिषद के चेयरमैन आफताब आलम ने बताया कि परिषद उसी भवन को बनाने की अनुमति दे रही है, जिनके पास एयरपोर्ट अथॉरिटी की एनओसी है। मानकों का उल्लंघन करने वाले बिल्डर व भवन मालिक पर नगर परिषद त्वरित कार्रवाई करती है।
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार मानक :
- 24 : मीटर ऊंचा भवन एयरपोर्ट के दस किमी के दायरे में
- 10 किमी : से इतर 24 मीटर से अधिक ऊंचे भवनों के लिए भी एनओसी जरूरी