Heritage in Patna: 158 करोड़ रुपये की लागत से बदल रहा 100 साल पुराने पटना म्यूजियम का स्वरूप
पटना की विरासत पटना म्यूजियम का निर्माण ब्रिटिश राज में हुआ था। 100 साल से अधिक पुराने इस म्यूजियम की स्थापत्य कला बेजोड़ है। यहां सहेजकर रखी गई अतीत की विरासतें किसी का भी ध्यान आकृष्ट कर लेती हैं। यहां कई नये आकर्षण जुड़ने वाले हैं।
पटना, जेएनएन। पटना म्यूजियम आने वाले दो सालों में एक अलग और अनोखे अंदाज में दिखेगा। नये बदलाव के बाद भी म्यूजियम के करीब 100 साल पुराने भवन से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। डिजाइन और योजना इस तरह बनी है कि नया निर्माण भी पुराने भवन का ही हिस्सा लगेगा और दोनों में कोई फर्क महसूस नहीं होगा। म्यूजियम के अधिकारियों के अनुसार नये भवन के निर्माण में 158 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। नया भवन का अंदरुनी हिस्सा आधुनिकता को समेटे दिखेगा। नया भवन तैयार होने के बाद यहां नई गैलरियां भी देखने को मिलेंगी।
पुनर्गठित किया जाएगा पटना म्यूजियम
नया भवन तैयार हो जाने के बाद पटना म्यूजियम की गैलरियों और प्रशासनिक कक्ष को फिर से पुनर्गठित किया जाएगा। प्राकृतिक इतिहास, राहुल सांकृत्यायन और पुरानी पेटिंग वाली गैलरी को नये भवन में जगह दी जाएगी।
स्टोर रूम में रखी कलाकृतियों को मिलेगा डिस्प्ले में स्थान
फिलहाल जगह की कमी के कारण म्यूजियम की ढेरों कलाकृतियां और विरासतें स्टोर रूम में रखी गई हैं। डिस्प्ले के लिए कम जगह के कारण ही यहां मौजूद विरासतों को रोटेशन के आधार पर प्रदर्शित किया जाता है। यहां आने वाले पर्यटक एक बार में सभ्ाी विरासतों का दीदार नहीं कर पाते। नया भवन बन जाने के बाद अधिक चीजों को एक साथ प्रदर्शित करने की जगह मिल सकेगी।
गंगा और पाटलिपुत्रा गैलरी में दिखेगा बिहार और पटना का इतिहास
पटना म्यूजियम में दो नई गैलरी खुलने वाली हैं। नई गैलरियों का नाम गंगा और पाटलिपुत्रा रखा गया है। गंगा गैलरी में बिहार के इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी, वहीं पाटिलपुत्र गैलरी में पटना के इतिहास और अजातशत्रु के वंशज द्वारा कैसे पटना को राजधानी बनाया गया, इसके बारे में भी ऑडियो-विडियो के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा।
कहते हैं अधिकारी
पटना म्यूजियम को विश्वस्तरीय म्यूजियम की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। नये निर्माण के बाद काफी बदलाव होगा। म्यूजियम के पास स्पेस बढ़ेगा, जिसका इस्तेमाल अधिक गैलरियां बनाकर किया जाएगा।
- दीपक आनंद, निदेशक, पटना म्यूजियम