Corona Virus: स्वस्थ हुआ संक्रमित व्यक्ति भी दूसरों को कर सकता बीमार, शरीर में रह जाते हैं वायरस - जानें
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज को सख्ती से क्वारंटाइन का पालन करना चाहिए। क्योंकि उसके शरीर में वायरस रह जाता है। जानें क्या कहते हैं डॉक्टर।
पवन कुमार मिश्र, पटना। कोरोना संक्रमण को हराने वालों को आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज होने के बाद भी सख्ती से क्वारंटाइन का पालन करना चाहिए। एक लापरवाही उनके संपर्क में आने वाले किसी को संक्रमित बना सकती है। यह जानकारी पीएमसीएच में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा ने दी। बता दें कि पटना में एक महिला और दो युवक कोरोना संक्रमण से मुक्ति प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें घर में ही 14 दिन क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में हमें भी बचाव के लिए एहतियात बरतना चाहिए।
दवाओं से निष्क्रिय वायरस स्वस्थ्य शरीर में हो सकते हैं सक्रिय
डॉ. पूर्णानंद झा के अनुसार बिहार में ठीक हुए तीनों कोरोना संक्रमित युवा थे। बीमारी के बाद उनमें तेजी से सुधार हुआ। 24-24 घंटे में कराई गईं दोनों जांचें भी निगेटिव आ गईं, लेकिन उनके शरीर में कोरोना वायरस अभी हैं। दवाओं से केवल वह निष्क्रिय हुए हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।
संक्रमित को स्वस्थ घोषित करने की प्रक्रिया
डॉ. पूर्णानंद झा के अनुसार भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार किसी संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों में सुधार देखकर 48 घंटे में उसकी दो बार जांच कराई जाती है। यदि दोनों बार रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो माना जाता है कि शरीर में वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। साथ ही छाती का एक्स-रे करवाकर यह देखा जाता है कि कहीं उसे सांस लेने में दिक्कत तो नहीं है। यदि पॉजिटिव मरीज की एक रिपोर्ट निगेटिव आए और 24 घंटे बाद कराई गई दूसरी पॉजिटिव तो 48 घंटे बाद फिर तीसरी और चौथी जांच कराई जाती है। यदि लगातार कराई गई दोनों रिपोर्ट निगेटिव आती हैं, तभी व्यक्ति को संक्रमित मुक्त घोषित किया जाता है। लेकिन इसके बाद भी उसे और उसके आसपास रह रहे लोगों को विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है।