आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की होगी जांच, मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त इलाज की सुविधा
अब बच्चों के स्वास्थ्य की जांच आंगनबाड़ी केंद्रों पर हो सकेगी। इन केंद्रों में साल में दो बार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।
पटना, जेएनएन। राज्य सरकार अब बच्चों के स्वास्थ्य की जांच आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही कराएगी। इन केंद्रों में साल में दो बार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। जांच के बाद विभिन्न बीमारियों के शिकार बच्चों का आइजीआइएमएस एवं राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में इलाज कराया जाएगा।
इसमें छोटे-मोटे इलाज से लेकर गंभीर बीमारियों का ऑपरेशन तक शामिल है। यह पूरा कार्यक्रम नेशनल हेल्थ मिशन के तहत किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ. आरएन द्विवेदी का कहना है कि इस कार्यक्रम के तहत कुल 23 तरह की बीमारियों का इलाज किया जाएगा।
तीन स्तर पर होगी बच्चों की जांच
डॉ. द्विवेदी का कहना है कि अब तक 23 तरह की बीमारियों की जांच करने का निर्णय लिया गया है। बच्चों के स्वास्थ्य की जांच तीन स्तर पर होगी। पहली स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच करने का निर्णय लिया गया है। दूसरे में जिला स्तर और तीसरे स्तर पर मेडिकल कॉलेजों में बच्चों की अंतिम रूप से जांच की जाएगी। यहां पर गंभीर बीमारियों की जांच के बाद ऑपरेशन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है। फिलहाल प्रत्येक सप्ताह दो से चार बच्चों का ऑपरेशन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बच्चों के जन्मजात बीमारियों पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि बच्चों की बीमारियां शुरुआती दौर में ही ठीक की जा सकें।
पहली बार दो छात्राओं के हार्ट का हुआ ऑपरेशन
पहली बार दो छात्राओं के हार्ट का ऑपरेशन चार दिन पहले आइजीआइएमएस में किया गया। दोनों छात्राएं स्वस्थ हैं। इसके बाद पीएमसीएच में दो छात्राओं के कान का ऑपरेशन किया गया।
योजना के तहत निबंधित मेडिकल कॉलेज
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना - पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पटना - इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना - दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, दरभंगा - जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, भागलपुर - नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पटना - अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, गया - श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुजफ्फरपुर :
कार्यक्रम में शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चे शामिल
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत शून्य से 18 वर्ष के बच्चों का इलाज किया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। इसके बाद प्राथमिक एवं हाई स्कूलों में भी स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रत्येक प्रखंड पर चिकित्सों की टीम तैनात की गई है, जो स्कूलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करती है।