20 लाख से कम टर्नओवर है तो जरूरी नहीं GST रिटर्न, जानिए ये नियम
जीएसटी रिटर्न को लेकर व्यवसायी वर्ग में अभी भी कंफ्युजन है। इसे दूर करने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया पटना में थे। उन्होंने क्या बताया, जानिए।
पटना [राज्य ब्यूरो]। जीएसटी से निबंधित बिहार के छोटे व्यवसायियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देने के संकेत दिए हैं। केंद्रीय वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया ने एलान किया कि वैसे व्यवसायी जिनका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम है, उन्हें हर तिमाही 3बी के तहत रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। यदि ऐसे व्यवसायी अपने सालाना जीएसटी रिटर्न में एसएमएस से केवल 'जीरो रिटर्न' लिखकर भेज देते हैं तो उन्हें रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी और न ही उनसे पेनाल्टी वसूली जाएगी।
केंद्रीय वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया शुक्रवार को राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में जीएसटी से संबंध में बिहार के व्यवसायिक संगठनों के साथ परिचर्चा कर रहे थे। इस मौके पर वित्त विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी समेत राज्य व केंद्रीय जीएसटी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। परिचर्चा में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अलावा कई अन्य व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस मौके पर डॉ. अधिया ने व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों की जीएसटी संबंधी समस्याएं सुनी और फिर जवाब दिए। डॉ. अधिया ने कहा कि बिहार में जीएसटी निबंधित सभी व्यवसायी रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने 20 लाख से कम के सालाना टर्नओवर वाले व्यवसायियों से कहा कि वे चाहें तो तो जीएसटी से अपना निबंधन रद करा सकते हैं। उनके लिए जीएसटी से निबंधित होना अनिवार्य नहीं है। लेकिन, यदि उन्होंने जीएसटी से निबंधन करा लिया है तो उन्हें रिटर्न फाइल करना होगा। अन्यथा उन्हें रिटर्न न फाइल करने पर पेनाल्टी का भुगतान करना होगा। यह पेनाल्टी उनपर लगातार चढ़ती जाएगी।
केंद्रीय वित्त सचिव ने कहा कि बिहार में जीएसटी के पुराने निबंधन वाले व्यवसायियों से यहां से प्राप्त होने वाले जीएसटी का कुल 92 प्रतिशत राजस्व वसूला जा रहा है। जबकि, हाल के दिनों में निबंधित हुए नए व्यवसायियों से केवल आठ प्रतिशत जीएसटी ही वसूल की जा रही है।
इस परिचर्चा के दौरान बिहार के व्यवसायियों ने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और केंद्रीय वित्त सचिव डॉ. अधिया के समक्ष स्वीकार किया कि जीएसटी से उनके जीवन में खुशहाली आई है। लेकिन, इसमें अभी भी ऐसी कई समस्याएं हैं जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी समेत कई अन्य व्यवसायिक संगठनों के अधिकारी व प्रतिनिधि मौजूद थे।
बिहार को सात फीसद राजस्व घाटे की भरपाई करनी होगी : मोदी
उप मुख्यमंत्री सह राज्य के वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जीएसटी के संबंध में व्यवसायिक संगठनों के साथ केंद्रीय वित्त सचिव डॉ. हसमुख अधिया की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बिहार को हर माह 1,558 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना चाहिए। लेकिन इसमें अभी भी 20 प्रतिशत की कमी है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह कमी महज 13 प्रतिशत की है। बिहार को सात प्रतिशत के इस राजस्व घाटे की भरपाई करनी होगी।