ग्राउंडजीरो रिपोर्ट- हिलती रही धरती, जागते रहे लोग भूकंप का भय
मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक नेपाल में भूकंप के फिर से छह झटके महसूस किए गए। मंगलवार रात में तीन झटके आए और बुधवार दोपहर 12 से एक बजे तक तीन झटके।
विराटनगर, नेपाल [संजय सिंह]। मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक नेपाल में भूकंप के फिर से छह झटके महसूस किए गए। मंगलवार रात में तीन झटके आए और बुधवार दोपहर 12 से एक बजे तक तीन झटके। इस कारण दहशत का आलम है।
मंगलवार को आए भूकंप के बारे में लोगों ने बताया कि धरती लहरों की तरह हिलोर मार रही थी। अधिकांश लोगों ने खुले मैदानों में भी जागकर रात काटी। बच्चे बेशक सो गए। खौफ इस कदर कि इच्छा होते हुए भी बीमार लोगों ने पलकें नहीं झपकाईं। जाने कब धरती डोल उठे!
बुधवार सुबह से कुछ देर तक दफ्तरों में काम-काज हुआ, लेकिन दिन में 12 बजे भूकंप के झटकों के बाद कार्यालय खाली होने शुरू हो गए। दिन में दो बजे के बाद इन जगहों पर पूरी तरह से सन्नाटा छा गया। ग्रामीण इलाकों के बाजारों में भी सन्नाटा छाया रहा।
कारोबार से जुड़ी महिला हीरा देवी श्रेष्ठ ने बताया कि वह सिंधुपाल चौक इलाके की रहने वाली है। भूकंप के कारण लिपड़ा बाजार सुनसान हो गया है। परिणामस्वरूप वह काठमांडू आकर अपने महाजन को सामान लौटा रही है। अब यहीं वह कोई रोजगार करने की सोच रही है। अनिल कार्की ने बताया कि भूकंप के झटके के कारण लोग बेचैन रहे। उनका परिवार भी खुले आसमान के नीचे जगा हुआ था। नेपाल के लगभग 32 जिले भूकंप से प्रभावित हुए हैं।
हताहतों का आंकड़ा : नेपाली अधिकारिक सूत्रों के अनुसार मंगलवार की भूकंप में 61 लोगों की मौत हुई है और 1100 से अधिक घायल हुए हैं। सर्वाधिक डोलखा में 35 और सिंधुपाल चौक में 11 लोगों की जान गई है।
राहत-बचाव कार्य : बुधवार को नेपाली सेना, सशस्त्र प्रहरी के साथ नेपाल पुलिस पीडि़तों की सहायता में जुटी रही। नेपाल सरकार ने तीन दिनों के लिए स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। जिन बस्तियों में अधिक तबाही हुई है, वहां लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है। रतुआ, डोलखा, सिंधुपाल चौक आदि इलाकों में भूकंप के बाद अस्त-व्यस्त हुई बिजली-व्यवस्था की पुन: बहाली के प्रयास किए जा रहे हैं।
दहशत का एक कारण : चीनी विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि लिपड़ा पहाड़ कभी भी भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हो सकता है। इससे लोग और दहशत में हैं।